कोर्स -4 बुनियादी साक्षरता एवं संख्या में समुदाय एवं अभिभावकों की सहभागिता 

कोर्स -4

बुनियादी साक्षरता एवं संख्या में समुदाय

वं अभिभावकों की सहभागिता 

उद्देश्य

  • पालकों व समुदाय की सहभागिता को प्रोत्साहित करने की जरूरत की समझ।
  • समुदाय व पालकों की सहभागिता के तरीके खोजना व विकसित करना।
  • पालकों व बड़ो की मदद से बुनियादी शिक्षा संबंधी गतिविधियों की पहचान करना।
  • पालकों की सहभागिता बढ़ाने की समझ विकसित करना ताकि घर पर सीखने का वातावरण बन सके।

रूपरेखा

  • समुदाय व पालकों की FLN शिक्षा में सहभागिता की जरूरत व महत्व।
  • सार्थक सहभागिता क्या हैं?
  • पालकों को सहभागी बनाना जरूरी क्यों हैं।
  • पालक, परिवार, समुदाय, SMC की भूमिका।
  • सहभागी बनाने में आने वाली चुनौतियाँ।

FLN शिक्षा में पालक व समुदाय की भागीदारी की आवश्यकता एवं महत्व

पालकों व समुदाय की FLN शिक्षा में भागीदारी से बच्चों को सतत व आजीवन सीखने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान होगा।

सार्थक सहभागिता क्या है?

पृथ्वी क्षेत्रों में दिन में मिलने सोच वाले बालक और शिक्षक होते हैं कहीं नकारात्मक तो कहीं सकारात्मक सोच दिखाई देती है जैसे कि कुछ पालक को का मानना है कि बच्चों का नाम स्कूल में लिखा देने से हमारी जिम्मेदारी खत्म वही शिक्षक ही मानते हैं कि पालक बच्चों को सीखने का परिवेश नहीं दे पाते हैं।

हम सभी शिक्षकों व पालकों को इन सभी नकारात्मक बातों को हटाकर सकारात्मक सोच रखनी चाहिए जैसे कि पालक व शिक्षक दोनों ही बच्चे के समग्र विकास में सहायक होते हैं, हमें ऐसा विकास बच्चों में लाना होगा।

विद्यालय एक परिवार है, जिसमें शिक्षक छात्र पालक समुदाय SMC सदस्य यह सभी अभिन्न अंग है।

साझेदारी को सार्थक कैसे बनाएं?

FLN शिक्षा के विकास में पालक को को भी शामिल करने से बच्चे व शिक्षकों के प्रयासों को समर्थन मिलता है।

बच्चों के अच्छे परिणाम लाने के लिए सार्थक साझेदारी होना बहुत जरूरी है।

रणनीतियां

सार्थक साझेदारी के लिए निम्न रणनीतियां बनाई जा सकती हैं।

  • शाला में पालक शिक्षक संघ (P.T.M.) की बैठक रखना जिसमें पालक को को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए कहे।
  • पालक को से बच्चों की अच्छाइयों पर ज्यादा बात करें।
  • पालक उसे बच्चों की उपस्थिति प्रोग्रेस या बच्चों से होने वाली तू पर भी सकारात्मक रूप में बात करें।
  • पालकों को F.LN. शिक्षा की खेलवा गतिविधियों में शामिल करना।
  • F.L.N. गतिविधियों को सीखने सिखाने के लिए मजेदार कार्यशाला का आयोजन करना, वर्कशॉप का आयोजन करना
  • पालकों, समुदाय के प्रति नम्र व्यवहार रखें।
  • पालक उसे निरंतर संपर्क या संचार से जुड़े रहें।
  • सहायक पूर्ण रवैया बनाए रखें ताकि पालक अच्छा महसूस करें।
  • पालक को बाद समुदाय के विशेष व्यक्ति को शाला में बुलाकर अपने अनुभवों को साझा करने को कहें।
  • विद्यालय में होने वाली गतिविधियों बच्चों को सिखाने के तरीके एवं बच्चों के सीखने की गति को साझा करें ताकि पालक जान पाएंगी उनका बच्चा स्कूल में क्या और कैसे सीखता है।

 

पालक व समुदाय के दायित्व

घर में “होम लर्निंग” यानी बच्चों की अधिगम संबंधी गतिविधियां कराई जा सकती हैं जैसे पारिवारिक चर्चा पठन में सहयोग शैक्षणिक खेल कहानी सुनाना इत्यादि इनसे पढ़ने का माहौल घर में भी बनाया जा सकता है।

ऐसा तभी हो सकता है जब माता-पिता बा समुदाय के सदस्य P.T.M. बैठक में सक्रिय रूप से भाग लेंगे एवं शैक्षणिक गतिविधियों को सीखेंगे।

सार्थक जुड़ाव के लिए पालकों, SMC व समुदाय को सक्रिय करना

पालकों को सार्थक भागीदारी एवं जुड़ाव के लिए सक्रिय करने के लिए निम्न कार्य किए जा सकते हैं।

  • पालकों समुदाय व SMC समुदाय को तकनीकी प्रशिक्षण देकर।
  • मनोरंजन गतिविधियों को कराने के लिए प्रेरित करें।
  • साप्ताहिक व मासिक गतिविधियों में समय देने के लिए कहकर।
  • बड़े कार्यक्रम/जन अभियान एवं वार्षिक उत्सव जैसे कार्यक्रम का आयोजन करके।
  • बच्चों के मासिक मासिक अर्धवार्षिक वार्षिक परिणामों को साझा करके।

 

बच्चों के सीखने में पालकों  का समर्थन

F.L.N. पढ़ने, लिखने, सुनने और बोलने से संबंधित क्षमताओं व मूल संख्या संचालन जैसे जोड़ घटाव से संबंधित है।

पालक घर में बच्चों को व्यस्त रखने के लिए F.L.N. गतिविधियों को खेल-खेल में सिखा सकते हैं। जैसे – फूल, बर्तन को गिनना, टोकरी से सब्जी व फल को छांटना।

F.L.N संबंधी गतिविधियां एवं पालकों की सहभागिता

बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लक्ष्य चार क्षेत्रों में निर्धारित हैं-

मौखिक भाषा, पढ़ना, लिखना व अंको का ज्ञान।

बच्चे स्कूल से ज्यादा समय अपने घर परिवार के साथ बिताता है अतः घर में ही पालकों के द्वारा कुछ गतिविधियां की जा सकती है-

  1. प्रिंट समृद्धि घरेलू वातावरण तैयार करना-जैसे कि कमरा, रसोई, दरवाजा, शौचालय में लेबल लगा सकते हैं। फोटो एल्बम में नाम लिखना, डिब्बे, कूड़ादान वाश बेसिन स्थानों में लेबल लगाना।
  2. गाने तुकबंदी व जोर से बोल कर पढ़ना।
  3. साझा पठान
  4. स्वतंत्र वार्तालाप
  5. गणितीय सोच के लिए अवसर देना
  6. स्थानीय खिलौने व जोड़ तोड़ खेल
  7. वर्गीकरण करना

पालक व समुदाय की सहभागिता में कमी का कारण

  • रोजगार व्यवसाय एवं काम का स्कूल के समय का एक होना।
  • समय की कमी
  • स्कूल के भेजे गए संदेशों को ठीक से ना समझ पाना।
  • आत्मविश्वास की कमी।
  • संसाधनों की कमी।
  • समुदाय की अनावश्यक दखल अंदाजी का डर।

असाइनमेंट

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पाठकों के लिए एक कार्ययोजना बनाए ताकि पार्कों की भी F.L.N. शिक्षा में सहभागिता बन सके।

  • अवधारणा / विषय
  • उपविषय  यदि हो तो
  • ग्रेड – बाल वाटिका / कक्षा 1-3
  • उद्देश्य
  • पूर्वज्ञान / कौशल
  • शैक्षणिक सामग्री व तैयारी
  • मुख्य विचार
  • शुरुआती सीखने के प्रतिफल

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