राजस्थान में पुरानी पेंशन स्कीम लागू
सरकारी कर्मचारियों के भविष्य और प्रदेश की तरक्की के लिए राजस्थान का बड़ा कदम
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राजस्थान सरकार ने बजट 2022-23 में 1 जनवरी 2004 और इसके बाद नियुक्त हुये सभी सरकारी कार्मिकों के लिए पूर्व पेंशन योजना (OPS) लागू करने की घोषणा की है। इससे कर्मचारियों को पेंशन/पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी और रूपांतरित राशि जैसे फायदे मिलेंगे और ये कर्मचारी सामाजिक-आर्थिक रूप से और मजबूत होंगे।
NPS में की जाने वाली 10% की मासिक कटौती 1 अप्रैल 2022 से बंद कर दी गई है और कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन मिलने लग गया है। वेतन से की गई कटौती में से पेंशनर मेडिकल फंड (RGHS) को समायोजित करने के बाद शेष राशि भी रिटायरमेंट के समय GPF पर ब्याज के साथ दे दी जाएगी।
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नई पेंशन स्कीम (NPS) में ये थीं कमियाँ
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01—पेंशन की कोई गारंटी नहीं
02—कर्मचारी का 10% अंशदान अनिवार्य
03—राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र सरकार को लिखे अपने पत्र में कर्मचारियों के मानव अधिकारों की रक्षा की खातिर NPS की समीक्षा के लिए समिति गठित करने के लिए कहा है
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CAG ने नवीन पेंशन स्कीम की ऑडिट रिपोर्ट में इस व्यवस्था के क्रियान्वयन, आयोजना और निरीक्षण को लेकर चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है।
CAG की रिपोर्ट के अनुसार…
• NPS के लागू होने के 15 वर्षों बाद भी इसके तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए सेवा शर्तों तथा सेवा निवृत्ति लाभों के संबंध में नियमों को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है
• इस बात का कोई संकेत नहीं है कि इस योजना का प्रत्येक 2 वर्षों में कोई बीमांकिक मूल्यांकन किया गया है तथा न ही फंड की व्यावहारिकता के आकलन के लिए कोई पद्धति अथवा तंत्र अपनाया गया है
• योजना में कोई ऐसा आश्वासन नहीं दिया गया है कि पात्र कर्मचारियों को इस योजना के तहत 100% कवर किया गया है
द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में न्यायिक सेवाओं में इसे लागू नहीं करने का सुझाव दिया है
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केरल, आंध्रप्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने कर्मचारियों के विरोध को देखते हुये NPS की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय समितियां गठित की हैं
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जल, थल और वायु सेना के कार्मिकों के लिए नई पेंशन स्कीम को लागू नहीं किया गया। इससे स्पष्ट है कि पुरानी पेंशन स्कीम इन कार्मिकों को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है।