पंचायत निर्वाचन हेतु आवश्यक जानकारी

त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन सम्बन्धी प्रश्नावली

प्रश्न 1 – निर्वाचन हेतु कौन-कौन सी सामग्री के संख्यांक नोट करना आवश्यक है ?

उत्तर – समस्त पदो के निर्वाचन हेतु प्राप्त मतपत्रो, मतपेटी एवं पी.ओ. बुकलेट के संख्यांक आवश्यक है?

 

प्रश्न 2 – फोटो युक्त मतदाता सूची के साथ कौन-कौन सी सूचियां सलग्न होती है ?

उत्तर – फोटो युक्त मतदाता सूची के साथ अनुपूरक सूची (परिवर्धन, संशोधन, निरसन) एवं एएसडी सूची संलग्न होती है।

 

प्रश्न 3 – निर्वाचन कार्य हेतु कितने प्रकार की सीले प्रदाय की जावेगी ?

उत्तर – निर्वाचन कार्य हेतु निम्न सीले प्रदाय की जावेगी

1- मतपत्र के पीछे लगाने हेतु सुभेदक सील (पंच / सरपंच पद हेतु ) एवं (जनपद / जिला सदस्य पद हेतु)

2- मतपत्र पर लगाने हेतु रबर की सील ( घूमते तीरो वाली)

3- पीठासीन अधिकारी की सील 4- प्राधिकृत अधिकारी की सील (गणना के समय )

5- प्रतिक्षेपित (खारिज ) मतपत्र हेतु सील

6-धातु (पीतल) की सील

 

प्रश्न 4 – पंच / सरपंच / जनपद सदस्य / जिला सदस्य के मतपत्र किस रंग के होंगे ?

उत्तर – पंच – सफेद

सरपंच – नीला

जनपद सदस्य – पीला

जिला सदस्य – गुलाबी

 

प्रश्न 5 – मतदान केन्द्र के बाहर नोटिस बोर्ड पर कौन-कौन सी सूचनाएँ प्रदर्शित की जानी आवश्यक है ?

उत्तर- नोटिस बोर्ड पर निम्न सूचनाओं को प्रदर्शित करना आवश्यक है –

1- निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यार्थियों की सूची (प्ररूप 8क, Bख, 8ग 8घ )

2- मतदान की तिथि एवं समय

3- केन्द्र का नाम एवं संख्यांक

4- निर्वाचन क्षेत्र का ब्योरा (सम्मिलित वार्ड के नंबर)

5- मोबाईल फोन एवं धूम्रपान निषेध की सूचना

6- प्रदत्त अन्य सूचना जो प्रदाय की गई हो

 

प्रश्न 6 – मतदान केन्द्र पर मत प्रकोष्ठ (पोलिंग कम्पार्टमेन्ट) कितने बनाऐं जाएंगे ?

उत्तर – प्रत्येक मतदान केन्द्र पर निर्वाचन हेतु दो मत प्रकोष्ठ बनाऐ जाऐंगे।

1-पंच / सरपंच पद हेतु

2- जनपद पंचायत सदस्य / जिला पंचायत सदस्य पद हेतु

 

प्रश्न 7 – निर्वाचन की प्रक्रिया में कौन-कौन सी महत्वपूर्ण सामग्रीयां मतदान दल को प्रदाय की जावेगी?

उत्तर – निर्वाचन की प्रक्रिया सम्पन्न करने हेतु मतदान दल को निम्न सामग्री सौपी जावेगी

1- मतपेटी एवं पुशर

2- मतपत्र पदवार पृथक-पृथक

3- निर्वाचक नामावली की प्रतियाँ -2

4- विभिन्न कार्यों हेतु सीले

5- अमिट स्याही की शीशी

6- पी.ओ. बुकलेट.

7- पी.ओ. लीफलेट

8- फाईल फोल्डर

9- विभिन्न प्रकार के लिफाफे 

10- पीठासीन की पुस्तिका

11- स्टाम्प पेड

12- अन्य सामग्री (सफेद थैली / चपडी / मोमबत्ती / आलपिन / स्केल / कार्बन / पेन / कोरे कागज / धागा / सूतली / माचिस आदि)

 

प्रश्न 8 – पी.ओ. बुकलेट एवं पी.ओ. लीफलेट में क्या अंतर है?

उत्तर – पी.ओ. बुकलेट : इसमे उन प्ररूप प्रपत्र और परिशिष्ट को समाविष्ट किया गया है जो पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान केन्द्र पर भरे जाकर मतदान समाप्ति उपरांत रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा कराये जाते है।

पी.ओ. लीफलेट : इसमें मुख्य रूप से उन प्ररूप, प्रपत्र और परिशिष्ट को समाविष्ट किया गया है, जो पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान केन्द्र पर उपयोग में लाने से समाप्त हो जाते है।

 

प्रश्न 9 – निर्वाचन अभिकर्ता एवं मतदान अभिकर्ता में क्या अंतर है?

उत्तर – निर्वाचन अभिकर्ता पूरे निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित होता हैं तथा उसे अभ्यार्थी द्वारा नियुक्त किया जाता है। निर्वाचन अभिकर्ता पूरे निर्वाचन क्षेत्र का एक ही होता हैं । मतदान अभिकर्ता केवल मतदान केन्द्र से संबंधित होता हैं जिसे अभ्यार्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा नियुक्त किया जाता है। मतदान अभिकर्ता अलग-अलग मतदान केन्द्र के लिये अलग-अलग होते हैं।

 

प्रश्न – 10 मतदान अभिकर्ता की नियुक्ति मतदान केन्द्र पर किस प्रकार की जाती है?

उत्तर- मतदान अभिकर्ता उसी मतदान क्षेत्र का निवासी एवं मतदाता होना चाहिए। मतदान अभिकर्ता के पास मतदाता परिचय पत्र आवश्यक रूप से होना चाहिए । मतदान अभिकर्ता प्रारूप-10 में अपना नियुक्ति पत्र प्रस्तुत करेगा जिसमे अभ्यार्थी या निर्वाचन अभिकर्ता के हस्ताक्षर होंगे। पीठासीन अधिकारी आर.ओ. द्वारा उपलब्ध नमूना हस्ताक्षर से उसका मिलान करेगा एवं मतदान अभिकर्ता से अपने समक्ष प्रारूप-10 में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर प्राप्त कर पास जारी कर नियुक्त करेंगे।

 

प्रश्न 11 – एक अभ्यार्थी कितने मतदान अभिकर्ता नियुक्त कर सकता है?

उत्तर – प्रत्येक अभ्यार्थी प्रत्येक मतदान केन्द्र के लिए एक मतदान अभिकर्ता और दो अवमुक्ति अभिकर्ता नियुक्त कर सकता हैं किन्तु एक समय पर एक ही मतदान अभिकर्ता मतदान केन्द्र के अन्दर रहेगा।

 

प्रश्न 12 – गणन अभिकर्ता की नियुक्ति किस प्रारूप में की जाती है ?

उत्तर – गणन अभिकर्ता की नियुक्ति अभ्यार्थी या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा प्रारूप-11 में की जाती है।

 

प्रश्न 13 – मतदान हेतु समय कब से कब तक निर्धारित किया गया हैं?

उत्तर- मतदान हेतु प्रातः 7.00 बजे से दोपहर 3.00 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है।

 

प्रश्न 14 – मतदान प्रारंभ होने के कितने समय पूर्व मतपेटी मतदान हेतु तैयार की जाना है?

उत्तर – मतदान प्रारंभ होने से 20 मिनिट पूर्व मतदान केन्द्र पर उपस्थित अभिकर्ताओं को मतपेटी का अवलोकन करवा कर ऐड्रेस टेग मतपेटी के अन्दर डालकर एवं बाहर लगाकर पीठासीन अधिकारी एवं उपस्थित मतदान अभिकर्ताओं के पेपर सील पर हस्ताक्षर करवा कर मतपेटी, मतदान हेतु तैयार कर ली जावेगी।

 

प्रश्न 15 – मतदान केन्द्र में प्रवेश के लिये कौन व्यक्ति अधिकृत है?

उत्तर – मतदान केन्द्र में निम्न व्यक्ति प्रवेश हेतु अधिकृत होंगे

1- मतदाता / मतदान अधिकारी /प्रेक्षक.

2- अभ्यार्थीगण / उनके निर्वाचक अभिकर्ता / मतदान अभिकर्ता

3- आयोग द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति / लोक सेवक जो डयूटी पर हो.

4- दृष्टिहीन और शिथिलांग मतदाता के साथ कोई साथी / व्यक्ति

5- यदि निर्वाचक के साथ गोद में शिशु हो ।

6- समय-समय पर निर्वाचक की पहचान / अन्य सहायता के लिये अधिकृत व्यक्ति

 

प्रश्न 16 पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्रों पर हस्ताक्षर कहां किये जाना है?

उत्तर – पीठासीन अधिकारी द्वारा मतपत्रों के पीछे सुभेदक सील के नीचे अपने हस्ताक्षर किये जाना हैं।

 

प्रश्न 17 – पीठासीन अधिकारी के दायत्वि क्या है?

उत्तर – पीठासीन अधिकारी पूर्ण रूप से मतदान केन्द्र का प्रभारी है। पीठासीन अधिकारी की निर्देशिका अनुसार मतदान एवं गणना की सम्पूर्ण प्रक्रिया को विधिवत पूर्ण करना एवं नवीन संशोधनों और निर्देशो का पालन कर चुनाव सम्पन्न करवाना।

 

प्रश्न 18 – मतदान अधिकारी नं. 1 के क्या दायित्व है?

उत्तर – म.अ.नं. 1 मतदाता सूची एवं अमिट स्याही का प्रभारी होगा। मतदाता की पहचान फोटोयुक्त मतदाता पर्ची सहित घोषित 23 वैकल्पिक दस्तावेजो से करना तथा मतदाता की सही पहचान हो जाने पर म.अ.नं. 1 मतदाता का निर्वाचक क्रम संख्या को जोर से इस प्रकार उच्चारित करेगा जिससे एजेन्ट और म.अ. 2 एवं 3 सुन सके चिन्हित प्रति में सम्बन्धित मतदाता पुरूष होने पर प्रविष्टि को लाल पेन से तिर्यक रेखा इस प्रकार खीचेगा कि मतदाता का फोटो ना कटे। इसी प्रकार महिला मतदाता की स्थिति में निर्वाचक की क्रम संख्या पर गोला लगाकर तिर्यक रेखा खीचेगा तथा अन्य मतदाता के लिये निर्वाचक के क्रम संख्या पर गोला एवं सही का निशान लगाकर तिर्यक रेखा खीचेगा तथा मतदाता के बांये हाथ की तर्जनी पर आड़ी रेखा 3/8 के अंत तक अमिट स्याही लगायेगा।

 

प्रश्न 19 – मतदान अधिकारी नं. 2 के क्या दायित्व है?

उत्तर – म.अ.नं. 2 पंच एवं सरपंच के मतपत्रों का प्रभारी अधिकारी होगा। यह मतपत्र के प्रतिपर्ण पर आवश्यक प्रविष्टि कर मतदाता के हस्ताक्षर / अंगूठा प्राप्त कर पंच एवं सरपंच पद के मतपत्र के साथ ऐरोक्रास रबर की सील घूमते तीरो वाली सील मतांकन हेतु मतदाता को देगा एवं मतांकन के पश्चात सील वापस लेगा।

 

प्रश्न 20 मतदान अधिकारी नं. 3 के क्या दायित्व है?

उत्तर – म.अ.नं. 3 जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के मतपत्रो का प्रभारी अधिकारी होगा। यह भी म.अ.नं. 2 की तरह प्रक्रिया कर मतदाता को जनपद पंचायत सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य के मतपत्र मतांकन करने हेतु जारी करेगा।

 

प्रश्न 21 – मतदान अधिकारी नं. 4 का क्या दायित्व है?

उत्तर म.अ.नं. मतपेटी का प्रभारी अधिकारी होगा। यह अपनी निगरानी में मतदाता से पंच/ सरपंच और जनपद पंचायत सदस्य / जिला पंचायत सदस्य के मतपत्रों को मतपेटी में डलवायेगा।

 

प्रश्न 22 – चैलेंज वोट (अभ्याक्षेपित मत) से क्या आशय है? एवं इसकी क्या प्रक्रिया होगी?

उत्तर- कोई अभ्यार्थी या उसका निर्वाचन / मतदान अभिकर्ता मतदाताओं की पहचान को चुनौती दे सकता है। अभ्याक्षेपकर्ता को 5.00 रूपये की राशि जमा करनी होगी। राशि जमा न करने पर अभ्याक्षेप ग्रहण नहीं किया जायेगा रकम दिए जाने के पश्चात अभ्याक्षेपकर्ता को उसकी रसीद दी जायेगी।

अभ्याक्षेप किये गये व्यक्ति को शास्ति के बारे में बताया जायेगा प्ररूप-12 में चुनौती दिये गये मतों की सूची में उसका नाम व पता लिखेगें व उसे हस्ताक्षर करने या अंगूठे का निशान लगाने के लिये कहेंगे। यदि वह ऐसा करने से इंकार कर दे तो उसे मत देने की अनुज्ञा नहीं देगें। यदि अभ्याक्षेपकर्ता चुनौती सिध्द करने में असफल हो जाता हैं तो अभ्याक्षेप अस्वीकार हो जायेगा और अभ्याक्षेपित व्यक्ति मतदान करेगा तथा फीस सरकार के पक्ष में जब्त होगी।

प्ररूप- 12 तथा रसीद में जब्त शब्द लिखा जाये। यदि अभ्याक्षेपकर्ता अपनी चुनौती सिद्ध करने में सफल हो जाता है तो पुलिस थाने को एक शिकायत लिखकर उस व्यक्ति को ड्यूटी पर तैनात पुलिस को सौंप देगें। तथा फीस अभ्याक्षेपकर्ता को लौटा दी जायेगी तथा प्ररूप-12 में प्रविष्टि कर रसीद बुक के कार्यालयीन प्रति पर उसकी प्राप्ति रसीद ली जायेगी। प्रश्न 23 टेण्डर वोट (निविदत्त मत) से क्या आशय है? एवं इसकी क्या प्रक्रिया होगी? उत्तर निविदत्त मत :- यदि कोई व्यक्ति मत देने के लिए मतदान केन्द्र पहुॅचे पर उसका मत अन्य कोई व्यक्ति दे चुका हो तो उस मतदाता की पहचान के बारे में सुनिश्चित हो जाने पर उसे मतदान हेतु निविदत्त मतपत्र दिया जावेगा और यह मतपत्रो की अंतिम गड्डी मे से आखरी का मतपत्र होगा। जिसके पीछे पीठासीन अधिकारी निविदत्त मतपत्र लिखकर सुभेदक सील लगाकर अपने हस्ताक्षर कर मतदाता को जारी करेगा। इस प्रकार के मतदाता की प्रविष्टि हेतु प्ररूप-14 में सूची तैयार की जावेगी एवं मतदाता के हस्ताक्षर / अंगूठा निशानी प्राप्त कर जारी मतपत्र पदवार पृथक-पृथक लिफाफा क्र. 01 में रखे जायेंगे।

 

प्रश्न 24 – अंधे एवं शिथिलांग मतदाता हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जायेगी?

उत्तर – यदि कोई अंधे और शिथिलांग मतदाता मतदान करना चाहता है तो उसे एक साथी की अनुमति निम्न शर्तो पर होगी

1- साथी 18 वर्ष से कम आयु का न हो

2- वह व्यक्ति उस मतदाता के मतदान को गुप्त रखेगा। यह घोषणा विहित प्ररूप – 13 क में ली जावेगी।

3- उसने उस दिन किसी अन्य मतदान केन्द्र पर किसी अन्य मतदाता के साथी के रूप में कार्य न किया हो। प्ररूप-13ख में ऐसे समस्त मामलों का एक रिकार्ड भी रखेंगे। ऐसे मामले में मतपत्र

के प्रतिपर्ण पर अंधे और शिथिलांग मतदाता या कुष्ट रोग से पीड़ित मतदाता का हस्ताक्षर / अंगूठे का निशान लिया जावेगा।

 

प्रश्न 25 – यदि मतदाता असावधानी से अपना मतपत्र खराब कर दे और उसे लौटाना चाहे तो क्या प्रक्रिया की जानी चाहिए?

उत्तर- यदि मतदाता असावधानी से अपना मतपत्र खराब कर दे और उसे लौटाना चाहे तो उसके संबंध में अपना समाधान कर लेने के पश्चात उसे दूसरा मतपत्र दे सकते हैं। और लौटाए गये मतपत्र पर खराब रद्द किया गया शब्द अंकित करें और उसे अलग लिफाफे में रखें।

 

प्रश्न 26 – यदि कोई मतदाता मत का उपयोग न कर उसे लौटाना चाहे तो क्या प्रक्रिया की जानी चाहिए?

उत्तर – मतपत्र प्राप्त करने के बाद यदि कोई मतदाता उसका उपयोग नहीं करना चाहे और उसे आपको लौटाना चाहे तो आप उसे भी ले लें। इस प्रकार लौटाये गये मतपत्र पर “लौटाया गया- रद्द किया गया” शब्द अंकित करते हुए उसे भी अलग लिफाफे में रखे।

 

प्रश्न 27 – मतदाता को जारी मतपत्र उसके द्वारा मतपेटी में न डालकर मतदान केन्द्र या उसके निकट किसी भी स्थान पर पाया जाए तो क्या प्रक्रिया की जानी चाहिए?

उत्तर – यदि इस प्रकार कोई मतपत्र प्राप्त होता है तो उसे भी लौटाया गया- रदद किया गया समझा जाए और उसके संबंध में भी उपरोक्तानुसार कार्यवाही की जाए।

 

प्रश्न 28 – मतदान समाप्ति के 5 मिनट पूर्व पीठासीन अधिकारी द्वारा क्या किया जाता है?

उत्तर – मतदान समाप्ति के 5 मिनट पूर्व मतदान समाप्ति की घोषण की जाए और पूर्व से खड़े मतदाताओं को कतार में खडा करके समस्त मतदाताओं को पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर युक्त पर्ची दी जावे। जिन्हें पर्ची दी गई हो उन्हें मतदान समय समाप्ति पश्चात भी अंतिम व्यक्ति तक मतदान करने का अधिकार होगा।

 

प्रश्न 29 – मतदान समाप्ति पर अभ्यार्थी / निर्वाचन अभिकर्ता / मतदान अभिकर्ता को कौन सा प्ररूप प्रदान कर पावती ली जाती है?

उत्तर – मतदान समाप्ति पर प्रत्येक पद हेत पृथक पृथक अभ्यार्थीवार मतपत्र लेखा प्ररूप -15 के भाग-1 में भर कर उपस्थित अभ्यार्थी / निर्वाचन अभिकर्ता / मतदान अभिकर्ता को प्रदान कर पावती ली जाती है।

 

प्रश्न 30 – मतगणना के समय मतगणना कक्ष में कौन-कौन उपस्थित रह सकता हैं?

उत्तर – मतगणना कक्ष में निम्न व्यक्ति प्रवेश के पात्र है

1- जिन्हें मतगणना करने में रिटर्निग अधिकारी / प्राधिकृत अधिकारी की सहायता करने के लिये

नियुक्त किया गया है।

2- अभ्यार्थी या उसका निर्वाचन / गणन अभिकर्ता।

3- आयोग या जिला निवाचन अधिकारी (पंचायत) द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति ।

4- निर्वाचन के संबंध में कर्त्तव्यरूढ़ लोक सेवक।

 

प्रश्न 31 – मतगणना हेतु आयोग द्वारा निर्धारित क्रम क्या है?

उत्तर – मतगणना हेतु पदवार सर्वप्रथम पंच पद की गणना उसके बाद सरपंच पद की गणना तत्पश्चात जनपद पंचायत सदस्य के पद की गणना तथा अंत में जिला पंचायत सदस्य पद की गणना की जाना निर्धारित हैं।

 

प्रश्न 32 – मतगणना प्रक्रिया किस प्रकार सम्पन्न कि जावेगी?

उत्तर – दोपहर 3.00 बजे मतदान समाप्ति पश्चात मतगणना प्रक्रिया निम्न प्रकार से सम्पन्न कि जावेगी –

→ मतपेटी से मतपत्र निकालने के बाद मतपत्रो को पलटकर रख ले मतपत्रो की गड्डियाँ वार्ड वार / निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक वार अलग-अलग बनाएं।

→ मतपत्रों की वार्डवार / निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक वार छटनी, मतपत्र के पीछे अंकित सुभेदक मोहर से आसानी से की जा सकती है।

→ इन मतपत्रो को गिनकर इसकी संख्या की प्रविष्टि पंचों, सरपंच पद जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के मतपत्र लेखा प्ररूप-15 के भाग-2 और गणना परिणाम पत्रक प्ररूप-16, प्ररूप-17, प्ररूप-18, प्ररूप-19 में की जाये।

→ उपर्युक्त वर्णित कार्यवाही के पूर्ण होने के पश्चात सर्वप्रथम प्रत्येक वार्ड से पंच के स्थान (सीट) के लिए मतपत्रो का अभ्यार्थीवार छटनी और संवीक्षा (जांच) की जाए। फिर सरपंच पद, जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचायत संदस्य की जाये।

→ मतपत्रो की अभ्यार्थीवार संवीक्षा के समय “संदेहास्पद अर्थात ऐसे मतपत्रों को अलग रख दिया जाए जिन्हें देखकर आसानी से यह विनिश्चय नही किया जा सकता है कि वे वैध हैं या प्रतिक्षेपित करने लायक हैं।

→ “संदेहास्पद मतपत्रों की संवीक्षा प्राधिकृत अधिकारी (पीठासीन अधिकारी) द्वारा सावधानी से एक-एक कर के की जाए।

→ संवीक्षा में जो मतपत्र किसी अभ्यार्थी के पक्ष में मान्य किए जाएं उन्हें उस अभ्यार्थी के पक्ष में रखी गड्डी में शामिल किया जाए तथा जो मतपत्र अंतिम रूप से प्रतिक्षेपित (खारिज ) किए गए है उन्हे प्रतिक्षेपित मतपत्रो की एक अलग गड्डी मे रखा जाए।

→ प्रतिक्षेपित (खारिज ) किये जाने वाले और न किये जाने वाले मतपत्रों के नमूने पीठसीन अधिकारी की मार्गदर्शिका में संदर्भित हैं।

→ प्रतिक्षेपित (खारिज किए गए ऐसे प्रत्येक मतपत्रों को जिसे कोई अभ्यार्थी या उसका अभिकर्ता

देखना चाहे, उसे दिखाया जाए परन्तु मतपत्र को हाथ में लेकर देखने की अनुमति न दी जाए।

→ प्रतिक्षेपित प्रत्येक मतपत्र के पीछे आप इस प्रयोजन के लिए दी गई सील लगाएं और उसके यथास्थान मतपत्र खारिज करने के कारण का सूक्ष्म उल्लेख करते हुए अपने हस्ताक्षर करें।

→ संवीक्षा उपरान्त, निर्वाचन लड़ने वाले विभिन्न अभ्यार्थियो को मिले विधिमान्य मतों की गणना की जाए और तत्पश्चात प्रतिक्षेपित ( खारिज ) मतपत्रो को गिना जाए।

→ गणना परिणाम की प्रविष्टियां पंच के लिए प्ररूप-16 सरपंच के लिए प्ररूप-17 जनपद पंचायत सदस्य के लिए प्ररूप-18 और जिला पंचायत सदस्य के लिए प्ररूप-19 में अंकित की जाए।

→ मतगणना पूर्ण होने पर उस स्थान (सीट) से निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यार्थी को मिले विधिमान्य मतों की संख्या का सिर्फ आख्यापन ( ऐलान ) सर्वसंबंधित की जानकारी के लिए किया जाए।

→ किसी भी स्थान (सीट) से कियी अभ्यार्थी को निर्वाचित घोषित करने का अधिकार गणना पर्यवेक्षक (पीठसीन अधिकारी) को नहीं है। ऐसी घोषण खण्ड या तहसील मुख्यालय पर रिटर्निंग अधिकारी (पंचायत) द्वारा पृथक से की जाएगी।

→ प्रत्येक अभ्यार्थी को मिले विधिमान्य मतों की 50-50 की गड्डियां बनाए अन्तिम गड्डी में 50 से कम मतपत्र हो सकते है और किसी अभ्यार्थी को 50 से कम विधिमान्य मत मिले हो तो उसकी एकमात्र गड्डी भी 50 से कम मतपत्रों की होगी इन गड्डियो कोरबर बैंड से बांधे और उन पर गणना पर्ची को भर कर लगा दें।

→ प्रत्येक वार्ड / निर्वाचन क्षेत्र के सभी विधिमान्य मतों और प्रतिक्षेपित मतों की गड्डी को एक साथ रबर बैंड से बांधकर उनका एक बंडल बनाए इस बंडल को सीलबन्द करे।

→ इन बंडलों पर अभ्यार्थी या निर्वाचन / गणन अभिकर्ता अपने हस्ताक्षर या सील लगाना चाहे तो उसे ऐसा करने की अनुमति दी जाए।

→ प्रत्येक वार्ड के पंच पदो के सीलबन्द बंडलों को एक साथ रखकर पंच पद के लिए गणना किए गए मतपत्रो का पृथक-पृथक द्वित्तीय पैकेट तैयार किया जाए।

→ प्रत्येक उपस्थित अभ्यार्थी या उसके गणन अभिकर्ता को गणना परिणाम पत्र की सत्यप्रतिलिपि प्रदाय कर पावती ली जाए। पावती को लिफाफा क्रमांक-06 में मतों की गणना परिणाम (प्ररूप- 16 / प्ररूप- 17 / प्ररूप- 18 / प्ररूप- 19 ) के साथ पृथक-पृथक रखे।

→ निर्देशानुसार मतदान / मतगणना सामग्री- प्रथम पैकेट, द्वितीय पैकेट लिफाफे एवं बची हुई अन्य सामग्री वापसी हेतु तैयार करें।

 

प्रश्न 33 – मतों की पुर्नगणना हेतु क्या प्रक्रिया की जावेगी? तर- मतों की पुर्नगणना हेतु निम्न प्रक्रिया की जावेगी?

उत्तर –

→ विधिमान्य मतों की संख्या का आख्यापन किए जाने पर यदि कोई अभ्यार्थी या उसकी अनुपस्थिति में उसका निर्वाचन अभिकर्ता या गणन अभिकर्ता चाहे तो मतपत्रों की पुर्नगणना की मांग कर सकता हैं ।

→ पुर्नगणना के लिए आधारों का वर्णन करते हुए लिखित में आवेदन करना होगा। ऐसा करने के लिए आख्यापन के पश्चात कुछ समय दें।

→ प्राप्त आवेदन में उल्लिखित आधारो के बोरे में विचार करें। आप आवेदन को पूर्णतः या अंशतः मंजूर कर सकते हैं।

→ यदि आवेदन तुच्छ या अयुक्तियुक्त कारणों पर आधारित हो तो उसे अमान्य करसकते हैं। किन्तु आपका ऐसा हर विनिश्चिय कारणो सहित लिखित में होना चाहिए।

→ यदि आप पुर्नगणना हेतु प्राप्त आवेदन-पत्र को पूर्णतः या अंशतः स्वीकार करते हैं तो अपने विनिश्चय अनुसार मतपत्रों की पुर्नगणना करें।

→ पुर्नगणना के पश्चात गणना परिणाम-पत्र को आवश्यकतानुसार संोधित करें किए गए संशोधन के पश्चात प्रत्येक अभ्यार्थी के प्राप्त विधिमान्य मतों की संख्या का पुनः आख्यापन ऐलान करें।

→ पुर्नगणना से आशय प्रत्येक मतपत्र की पुनः संवीक्षा (जांच) और पुर्नगणना से हैं । ( चाहे वह किसी उम्मीदवार के पक्ष में दिया गया वैध मतपत्र मानकर उसकी गड्डी में रखा गया हो अथवा प्रतिक्षेपित (खारिज किया गया हो)

→ उपरोक्त कार्यवाही के पश्चात गणना परिणाम पत्र को पूरा भरकर उस पर अपने हस्ताक्षर करें। इसके बाद पुर्नगणना के लिए कोई आवेदन पत्र ग्राहय नहीं होगा।

प्रश्न 34 – मतदान / मतगणना सामग्री कैसे जमा की जावेगी? 

उत्तर – प्रथम पैकेट अन्तर्गत निम्न सामग्री फाईल फोल्डर में क्रमानुसार जमा की जावेगी

→ मतदान अभिकर्ता की नियुक्ति पत्र प्ररूप-10

मतगणना अभिकर्ता की नियुक्ति पत्र प्ररूप- 11

→ मतदाता की सूची की चिन्हित एवं अन्य प्रतियां

→ पीठासीन अधिकारी की बुकलेट (पी. ओ. बुकलेट)

→ निविदत्त मतों की सूची प्ररूप- 14 एवं निविदत्त मतपत्र (पदवार पृथक-पृथक ) लिफाफा क्रमांक 01

→ नोट:- यदि निविदत्त मतपत्रों की संख्या निरंक है तो “निरंक सूची लिफाफे में रखने की आवश्यकता नहीं हैं। उक्त सूची पीठासीन अधिकारी की बुकलेट में ही संलग्न रहने दी जाये। उक्त सूची एवं लिफाफे फलेप कवर में रखे जाये।

 

विभिन्न लिफाफे

→ मतगणना के लिये प्राधिकृत अधिकारी की डायरी – लिफाफा क्रमांक- 04 ( सीलबंद )

→ मतपत्रों का लेखा एवं प्रारंभिक गणना परिणाम प्ररूप- 15 पदवार पृथक-पृथक काउंटर जांच के बाद (सीलबंद ) । लिफाफा क्रमांक- 05

→ मतों का गणना परिणाम प्ररूप-16 (पंच) और प्ररूप-17 (सरपंच) प्ररूप- 18 (जनपद पंचायत सदस्य ) और प्ररूप- 19 (जिला पंचायत सदस्य) पृथक-पृथक 4 लिफाफें में काउंटर पर जांच के बाद सीलबंद होंगे। लिफाफा क्रमांक – 06

→ रद्द किये गये मतपत्र पदवार पृथक-पृथक सीलबंद लिफाफा क्रमांक- 07 > उपयोग में लाए मतपत्रो के प्रतिपर्ण का लिफाफा पदवार पृथक-पृथक सीलबंद लिफाफा क्रमांक-08

→ मतदाता को जारी नही किए गए मतपत्र पदवार पृथक-पृथक सीलबंद लिफाफा क्रमांक-09

→ मतदान / मतगणना से संबंधित विविध कागजात पदवार पृथक-पृथक लिफाफ क्रमांक – 10

 

द्वितीय पैकैट गणना किए गए मतपत्रों के बंडल

→पंच पद

→ सरपंच पद

→ जनपद पंचायत सदस्य पद

→ जिला पंचायत सदस्य पद के लिए पदवार पृथक-पृथक लिफाफे में सीलबंद

 

प्रश्न 35 – अन्य महत्वपूर्ण सामग्री कैसे जमा की जावेगी?

उत्तर – अन्य महत्वपूर्ण सामग्री निम्न प्रकार से जमा कर

→ पीठासीन अधिकारी की मार्गदर्शिका

→ अभ्याक्षेप राशि यदि हो तो लिफाफा

→ अमिट स्याही

→ बैगनी रंग का स्टाम्प पैड़

→ सुभेदक मोहर

→ ऐरोक्रास रबर की मोहर

→ पीठासीन अधिकारी की धातु की मोहर

→ खाली मतपेटी बची हुई अन्य सामग्री कपड़े की थैली, पीठासीन अधिकारी की लीफलेट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *