शिक्षको के रिलीव या ज्वाइन होने की क्या होगी प्रक्रिया ? ( Shishak ke relive ya join hone ki kya hogi prakriya?)

जिले के भीतर या जिले के बाहर

शिक्षको के रिलीव या ज्वाइन होने की क्या होगी प्रक्रिया ?

(Shishak ke relive ya join hone ki Kya hogi prakriya?)

मध्यप्रदेश में दीपावली के पूर्व शिक्षकों के ऑनलाइन डिजिटली हस्ताक्षरित आदेश एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों को प्राप्त होने पर शिक्षको में खुशी की लहर है शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रान्सफर होने के बाद अब शिक्षकों के रिलीव या ज्वाइन होने की क्या होगी प्रक्रिया इस पोस्ट के माध्यम से आप समझ सकते है। यह जानकारी आप हमारे ब्लॉग चेनल (educationpointe.com) पर देख रहे है। यदि आपका ट्रान्सफर हुआ है तो यह जानकारी आपके काम की हो सकती है आप इस जानकारी को अंत तक अवश्य पढ़े।

जिले के भीतर या जिले के बाहर शिक्षकों के ऑनलाइन ट्रान्सफर होने के बाद अब 15 दिवस की समय सीमा के अन्दर ज्वाइन करना होगा। संकुल द्वारा पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।

शिक्षक द्वारा ऑनलाइन आवेदन करते समय 4 प्राथमिकता के क्रम दिए गये थे जैसे –
(a) परिवार मे किसी सदस्य का गम्भीर रोग से ग्रसित होना
(b) पति पत्नी का शासकीय सेवक होना
(c) महिला लोकसेवक का विधवा तलाकशुदा, परित्यक्ता होना
(d) लोकसेवक की नियुक्ति निःशक्त कोटे में होना।

शिक्षक के द्वारा उपरोक्त 4 बिन्दुओ में से किसी एक का चयन किया गया होगा तो इससे सम्बंधित दस्तावेज आपको अपने संकुल में लगाना होगा । क्योकि संकुल द्वारा सम्बंधित लोक सेवक के ट्रान्सफर आर्डर की जांच जाएगी की आपके द्वारा दर्ज की गयी जानकारी सही है या नहीं और यदि जानकारी गलत पाई जाती है तब इसकी सूचना संकुल द्वारा DEO कार्यालय में दी जाएगी जिसके आधार पर आपका ट्रान्सफर आदेश कैंसिल भी किया जा सकता है ।

ऑनलाइन ट्रांसफर आदेश कैसे डाउनलोड करें?

संकुल द्वारा सम्बंधित लोक सेवक को कार्यमुक्त करने से पूर्व निम्न बिन्दुओ के आधार पर जांच की जाएगी –

1. संकुल का उत्तरदायित्व होगा की सम्बंधित लोक सेवक को कार्यमुक्त करने के पूर्व उनकी इ-सेवा पुस्तिका से स्थानान्तरण आदेश में उल्लेखित जानकारी का मिलान करने के उपरान्त सही पाए जाने पर ही कार्यमुक्त किया जायेगा।

2. संबंधित लोक सेवक के के विरुद्ध विभागीय जांच / आपराधिक प्रकरण अथवा बगैर सूचना के लंबी अवधि से अनुपस्थित होने की स्थिति में स्थानान्तरण स्वतः निरस्त माना जायेगा।

3. स्थानान्तरित लोक सेवक, नवीन जिले के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होने के उपरांत अगले कार्यदिवस पर स्थानान्तरित संस्था में कार्यभार ग्रहण करेगा तथा इसकी लिखित सूचना संकुल केन्द्र के माध्यम से विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी को देना सुनिश्चित करेगा।

4. स्थानान्तरित लोक सेवक का संवर्ग (जिला एवं सभाग) परिवर्तन होने की स्थिति में संबंधित की वरिष्ठता नवीन पदस्थापना वाले जिले / संभाग में स्थानान्तरण उपरांत कार्यभार ग्रहण दिनांक से निर्धारित होगी। राज्य संवर्ग के लोकसेवकों की वरिष्ठता यथावत रहेगी।

5. स्थानान्तरित लोक सेवक अपना समस्त कार्यभार सौपने के उपरांत ही कार्य मुक्त होंगे। 16. यदि संबंधित लोक सेवक अध्यापक संवर्ग का है तथा स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत नवीन संवर्ग में नियुक्ति नहीं हुई है, ऐसी स्थिति में यह आदेश स्वतः ही निरस्त माना जायेगा। 7. सम्बंधित लोक सेवक जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित शाला में कार्यरत हैं, तो उनका स्थानान्तरण स्कूल शिक्षा विभाग में मान्य नहीं होगा तथा यह आदेश स्वतः ही निरस्त माना जायेगा।

8. यह आदेश जारी होने के दिनांक से 15 दिवस तक वैध रहेगा इसके पश्चात स्वतः निरस्त माना जायेगा।

9. कार्यमुक्त होने के पश्चात एवं नवीन पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण करने के मध्य की अवधि के किसी भी प्रकार का अवकाश प्रशासकीय विभाग के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग का अभिमत प्राप्त करने के पश्चात ही स्वीकृत किया जा सकेगा।

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