बच्चों का प्रवेश पालकों के पलायन से पूर्व करना होंगा
नवीन शिक्षण सत्र में पहले ही दिन से बच्चों का प्रवेश कराने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने नया प्रयोग किया है। आपको बता दे अभी तक एडमिशन के लिए शिक्षक जून माह के बाद और जुलाई की शुरुआत में सर्वे किया करते थे। लेकिन अब उन्हें प्रथम दिन से ही यह काम करना पड़ेगा।
राज्य शिक्षा केंद्र ने इस बार नई व्यवस्था इसलिए बनाई है, जिससे अभिभावक पलायन से पूर्व अपने बच्चों का एडमिशन स्कूलों में करा सकें। अभिभावक पारिवारिक आजीविका के लिये जून माह में ही निकलते बाहरी शहरों की ओर पलायन करते हैं। इसका कारण यह है कि इस अवधि में फसल कटाई का काम पूर्ण हो जाता है।और अभिभावक रोजगार के लिए दूसरे शहरों में निकलते हैं। पालक घर से बाहर जाते हैं, तो बच्चों कों में साथ में ले जाते हैं। इस कारण से अनेको बच्चे प्रवेश से वंचित हो जाते हैं।
राज्य शिक्षा केंद्र ने इस बार 17 अप्रैल से प्रारंभ होने वाले नवीन सत्र में यह व्यवस्था की गई है कि शिक्षक घर घर जाकर सूची के अनुसार उन घरों को चिह्नित करेंगे जो बच्चे या तो अपवेशी हैं या फिर शाला त्यागी हैं। शिक्षक बच्चों के अभिभावकों से बात कर उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करेंगे कि वह पलायन से पूर्व अपने बच्चों का स्कूलों में प्रवेश करवाएं। उन्हें इस बात से आश्वस्त किया जाएगा कि अगर उन्हें पलायन करना भी है तो बच्चों को नियमित रूप से स्कूल में पढ़ने भेजे । सरकार की ओर से आवास के अलावा बच्चों के भोजन और निशुल्क शैक्षणिक सामग्री की व्यवस्था है। केन्द्र डायरेक्टर का कहना है कि पहले ही दिन से बच्चों का अध्यापन प्रारंभ होगा। प्रत्येक बच्चे को प्रयास वर्क बुक प्रदान की जायेगी।