राज्य शिक्षा केन्द्र ने सतत व्यापक मूल्यांकन सत्र 2023-24 हेतु कार्यकारी निर्देश जारी कर दिए गए है
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत वर्ष 2023-24 हेतु कक्षा 1 से 8 हेतु सतत एवं व्यापक मूल्यांकन संबंधी प्रमुख दिशा-निर्देश निम्नानुसार है-
1. मासिक मूल्यांकन – कक्षा शिक्षण के दौरान सतत व्यापक मूल्यांकन संबंधी (परिशिष्ट-1 पर संलग्न) विभिन्न उपकरणों का उपयोग करते हुए मासिक मूल्यांकन निम्नानुसार किया जाए-
- कक्षा 1, 2 व 3 में पृथक से मासिक मूल्यांकन नहीं किया जाए। इन कक्षाओं में FLN आधारित साप्ताहिक एवं आवधिक आकलन विषयवार निर्धारित योजनानुसार किया जाए।
- कक्षा 4 से 8 तक कक्षावार सभी विषयों में मासिक मूल्यांकन निर्धारित प्रक्रिया अनुसार माह के अंतिम सप्ताह में शाला स्तर पर किया जाए।
- मासिक मूल्यांकन हेतु कक्षावार प्रत्येक विषय के लिए निर्धारित मासिक पाठ्यक्रम अनुसार 10-10 अंक का लर्निंग आउटकम्स आधारित गुणवत्ता युक्त प्रश्नपत्र (ब्लूप्रिंट संलग्न) बनाया जाए। मूल्यांकन में मौखिक प्रश्नों को भी शामिल किया जाये। बच्चों से मौखिक प्रश्न भी पूछे जाना है।
- वर्तमान अकादमिक सत्र में मासिक मूल्यांकन, माह अगस्त, सितम्बर, दिसम्बर व जनवरी में लिए जाए।
- मासिक मूल्याकन की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते समय बच्चे की कॉपी में त्रुटियों के बारे में बच्चे को व्यक्तिगत फीडबैक / टीप देकर भी पुनः अभ्यास कराया जाए।
- मासिक मूल्यांकन संबधी समस्त अभिलेख शाला स्तर पर कक्षा शिक्षक / विषय शिक्षक द्वारा संधारित किए जाएं। कक्षा 4, 6 व 7 के छात्रों के मासिक मूल्यांकन के प्राप्तांको के आधार पर ग्रेड निकालकर इसकी प्रविष्ट वार्षिक मूल्याकन के प्रगति पत्रक में भी की जाए।
- उत्तर पुस्तिकाओं विश्लेषण, लर्निंग गैप्स का चिन्हांकन तथा विशेष शिक्षण विषय शिक्षकों द्वारा मासिक मूल्याकन की उत्तर पुस्तिकाओं का प्रश्नवार एवं छात्रवार विश्लेषण कर लर्निंग गैप्स की पहचान की जाए एवं शाला स्तर पर विशेष शिक्षण की व्यवस्था कर अपेक्षित दक्षताएं पूर्ण कराई जाए।
2. अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन-
- शासकीय शालाओं में कक्षा 1, 2 व 3 हेतु FLN आधारित आवधिक आकलन विषयवार योजनानुसार किया जाए। पृथक से अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन नहीं किया जाए।
- शासकीय शालाओं में कक्षा 4 से 8 हेतु अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन का आयोजन राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्रदाय प्रश्न पत्रों एवं निर्धारित समय-सारणी अनुसार कराया जाए। इसके विस्तृत निर्देश एवं समय-सारिणी तत्समय जारी होगे।
- अर्द्धवार्षिक लिखित मूल्यांकन में प्रत्येक विषय हेतु पूर्णाक 60 अंक निर्धारित है।
- मान्यता प्राप्त अशासकीय, अनुदान प्राप्त शालाएं एवं डाईस कोड प्राप्त मदरसों में अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन का आयोजन माह सितम्बर तक पढ़ाये गये पाठ्यक्रम के आधार पर राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्धारित समय सारिणी व ब्लूप्रिंट अनुसार किया जाए। इन शालाओं द्वारा अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन के प्रश्नपत्र शाला स्तर पर निर्मित किए जाएं।
- अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
3. वार्षिक मूल्यांकन (कक्षा 1, 2, 3, 4, 6 व 7)
- कक्षा 1, 2 व 3 में FLN आधारित आवधिक आकलन विषयवार योजनानुसार पूर्व प्रसारित निर्देशानुसार किया जाए। पृथक से वार्षिक मूल्यांकन नहीं किया जाए।
- शासकीय शालाओं में कक्षा 4, 6 एवं 7 के मुख्य विषयों के प्रश्नपत्र निर्धारित ब्लूप्रिंट के आधार पर राज्य द्वारा निर्मित कराये जाएंगे। वार्षिक परीक्षा राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी समय सारिणी अनुसार सम्पन्न कराई जायेगी जिसके निर्देश पृथक से जारी किए जाएंगे।
- वार्षिक लिखित परीक्षा कक्षा 4 6 व 7 हेतु अधिकतम अंक 60 एवं प्रोजेक्ट कार्य हेतु 40 अंक निर्धारित रहेंगे। विषयवार विद्यार्थी द्वारा दो प्रोजेक्ट कार्य पूर्ण किए जाएंगे। प्रत्येक प्रोजेक्ट कार्य हेतु 20 अंक निर्धारित है ।
- वार्षिक लिखित परीक्षा एवं प्रोजेक्ट कार्य में छात्र को पृथक-पृथक न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य रहेगा।
- वार्षिक परीक्षाफल विषयवार मासिक टेस्ट (अधिकतम अंक- 40), अर्द्धवार्षिक परीक्षा (अधिकतम अंक-60) एवं वार्षिक परीक्षा (अधिकतम अंक-100) के प्राप्तांकों को जोड़कर तैयार किया जाए एवं कुल प्राप्तांक के आधार पर विषयवार ग्रेड प्रदान किए जाएं।
- वार्षिक मूल्यांकन के परिणाम में ‘E’ ग्रेड प्राप्त करने वाले वाले विषयों में विद्यार्थी को उपचारात्मक शिक्षण शाला स्तर पर कराया जाए तथा अपेक्षित दक्षता प्राप्त करने के उपरांत कक्षोन्नति प्रदान की जाए।
4. वार्षिक मूल्यांकन (कक्षा 5 व 8 )
- राज्य द्वारा आयोजित वार्षिक लिखित परीक्षा कक्षा-5 व 8 में शासकीय शालाओं, मान्यता प्राप्त समस्त अशासकीय शालाओं व अनुदान प्राप्त शालाओं एवं डाईस कोड प्राप्त मदरसों में अध्ययनरत विद्यार्थी सम्मिलित होंगे।
- वार्षिक लिखित परीक्षा फरवरी / मार्च 2024 में संभावित है जिसकी समय सारिणी एवं निर्देश राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पृथक से जारी किये जायेंगे।
- वार्षिक लिखित परीक्षा में विषयवार अधिकतम अंक 60 एवं प्रोजेक्ट कार्य हेतु 20 अंक निर्धारित है।
- प्रत्येक विषय में विद्यार्थी द्वारा कोई 2 प्रोजेक्ट कार्य पूर्ण किये जायेगे प्रत्येक प्रोजेक्ट हेतु 10 अंक निर्धारित हैं जिसका मूल्यांकन शाला स्तर पर किया जाएगा एवं प्रोजेक्ट कार्य के प्राप्ताकों की प्रविष्टि परीक्षा पोर्टल पर विद्यालय प्रमुख / कक्षा शिक्षक द्वारा की जायेगी।
- कक्षा 5 व 8 हेतु अर्द्धवार्षिक परीक्षा के कक्षावार एवं विषयवार विद्यार्थी के प्राप्ताको की प्रविष्टि राज्य द्वारा विकसित परीक्षा पोर्टल में विद्यालय प्रमुख / कक्षा शिक्षक द्वारा की जाएगी। अधिभार की गणना सॉफ्टवेयर द्वारा की जाकर वार्षिक परीक्षा परिणाम तैयार किया जाएगा।
- कक्षा-5 व 8 वार्षिक परीक्षा में विभिन्न घटकों का अधिभार निम्नानुसार होगा-
> अर्द्धवार्षिक परीक्षा (लिखित) – अधिभार 20 प्रतिशत –
> वार्षिक परीक्षा (लिखित) – अधिभार 60 प्रतिशत
> वार्षिक परीक्षा (प्रोजेक्ट कार्य) – अधिभार 20 प्रतिशत
- वार्षिक लिखित परीक्षा (बाह्य मूल्यांकन) एवं प्रोजेक्ट कार्य (आंतरिक मूल्यांकन) में पृथक-पृथक न्यूनतम उत्तीर्णांक 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। कक्षा-5 व 8 में प्रत्येक विषय के बाह्य एवं आंतरिक मूल्यांकन में न्यूनतम अर्हकारी अंक प्राप्त नहीं करने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षाफल घोषणा के उपरांत अनुत्तीर्ण विषयों में अतिरिक्त शिक्षण प्रदान कर दो माह की कालावधि के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर प्रदान किया जाएगा। पुनः परीक्षा में भी अनुत्तीर्ण परीक्षार्थियों को उसकी अध्ययनरत कक्षा में ही रोका जाएगा।
5. वार्षिक परीक्षा (कक्षा-4 से 8) हेतु समेकित ग्रेड का विवरण – वार्षिक परीक्षा परिणाम के कुल प्राप्तांकों के आधार पर निम्नानुसार समेकित ग्रेड प्रदान किए जाएं-
कक्षा | ग्रेड | A+ | A | B+ | B | C+ | C | D | E |
4,6,7 | प्राप्तांक (प्रतिशत) | 85 से अधिक | 76-85 | 66-75 | 56-65 | 51-55 | 46-50 | 33-45 | 33 से कम (सुधार योग्य) |
कक्षा | ग्रेड | A+ | A | B+ | B | C+ | C | D | E |
5,8 | प्राप्तांक (प्रतिशत) | 85 से अधिक | 76-85 | 66-75 | 56-65 | 51-55 | 46-50 | 33-45 | 33 से कम (सुधार योग्य) |
6. सह-शैक्षिक एवं व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के मूल्यांकन – शाला में सह शैक्षिक क्षेत्र एवं व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के मूल्याकन को सीखने सीखाने की प्रक्रिया के साथ समाहित करते हुए किया जाए। (संलग्न सह शैक्षिक एवं व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के मूल्यांकन संबंधी निर्देश)
7. मूल्यांकन पत्रक- प्रत्येक बच्चे के भासिक, अर्द्धवार्षिक, वार्षिक मूल्यांकन के ग्रेड एवं सह शैक्षिक क्षेत्र संबंधी गतिविधियों में सहभागिता के आधार पर प्राप्त ग्रेड सबंधी समस्त अभिलेख शाला स्तर पर संधारित किया जाए।
8. प्रगति पत्रक – मूल्यांकन पत्रक में दर्शाए अभिलेख अनुसार प्रत्येक बच्चे की प्रगति को ‘समग्र प्रगति पत्रक’ में अंकित कर विद्यार्थी को वितरित किया जाए। प्रगति पत्रक पर प्रधानाध्यापक की पदमुद्रा एवं हस्ताक्षर अनिवार्य हैं।
9. पालक शिक्षक बैठक- दो माह में कम से कम एक बार बच्चों की शैक्षिक, सह-शैक्षिक व व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की स्थिति को पालकों के साथ बैठक करके साझा किया जाए एवं पालकों को पोर्टफोलियो एवं प्रगति-पत्रक अवलोकन कराया जाए ।
सतत-व्यापक मूल्यांकन संबंधी उपर्युक्तानुसार कार्यवाही शाला स्तर से की जाए एवं प्रत्येक शाला तक इसकी सूचना प्रेषित किया जाना सुनिश्चित हो। इसकी मॉनीटरिंग जिले, विकासखण्ड व जनशिक्षा केन्द्र स्तर पर सतत् रूप से की जाए। सतत् व्यापक मूल्यांकन संबंधी उपकरण पूर्व वर्षों के अनुसार रहेंगे।
सतत व्यापक मूल्यांकन PDF File पत्र
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