वार्षिक परीक्षा हेतु कक्षा-5 हिंदी मॉडल प्रश्न पत्र-2

मॉडल प्रश्न पत्र-2 ll  Modal Question Paper-2

विषय – हिंदी ll Subject -Hindi

कक्षा-5 वार्षिक परीक्षा 2024

बहुविकल्पीय प्रश्न (प्रश्न क्र. 1-5)
निर्देश— प्रत्येक प्रश्न के लिये 4 विकल्प दिये गये हैं। सही विकल्प चुनकर अपनो उत्तर पुस्तिका में लिखें। प्रत्येक प्रश्न के लिये। अंक निर्धारित है।
प्र-1. कवि किन्हें पढ़ाना चाहता है—
(A) अनपढ़ों को
(B) पढ़े-लिखों को
(C) संतों को
(D) अधिकारियों को
उत्तर— (A) अनपढ़ों को

प्र-2. देवों के सिर पर चढ़ने के लिए कौन मना कर रहा है?
(A) डाल
(B) पुष्प
(C) पत्ते
(D) फल
उत्तर— (B) पुष्प

प्र-3. बीरबल घड़े में बुद्धि का फल भरने के लिए कद्दू के जैसे किस अन्य फल का प्रयोग कर सकते थे।
(A) अंगूर
(B) संतरा
(C) ककड़ी
(D) तरबूज
उत्तर— (D) तरबूज

प्र-4. ईश्वरचंद्र विद्यासागर को किसलिए मासिक छात्रवृत्ति मिली?
(A) कविता सुनाने पर
(B) तेज दौड़ने पर
(C) अंग्रेजी अंक सीखने पर
(D) भाषण देने पर
उत्तर— (C) अंग्रेजी अंक सीखने पर

प्र-5. ‘पराजय’ शब्द में उपसर्ग है—
(A) परा
(B) पर
(C) जय
(D) प
उत्तर— (A) परा

रिक्त स्थान (प्रश्न क्र. 6-10)
निर्देश— रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये। प्रत्येक प्रश्न के लिये 1 अंक निर्धारित है।
(भूख, बादल, वीरसिंह, बहादुरपुर, श्वेत, श्याम, प्यासी)
प्र-6 हंसः —— वर्णः।
प्र-7 ईश्वरचंद्र विद्यासागर का जन्म —– गाँव में हुआ था।
प्र-8 माली पानी भरकर लाने की बात —– से कह रहा है।
प्र-9 ‘प्यासी मिट्टी’ पद में ——- शब्द विशेषण हैं।
प्र-10 ‘भूक’ शब्द की शुद्ध वर्तनी ——— है।
उत्तर— प्र-6 श्वेत
प्र-7 वीरसिंह
प्र-8 बादल
प्र-9 प्यासी
प्र-10 भूख

अति लघुउत्तरीय प्रश्न- (प्रश्न क्र. 11-16)
निर्देश- प्रश्नों के उत्तर 1 या 2 वाक्यों में लिखिये। प्रत्येक प्रश्न के लिये 2 अंक निर्धारित हैं।

प्र-11 लंका के दूत ने अकबर से क्या माँग की?
उत्तर— लंका के दूत ने अकबर से बुद्धि के फल की माँग की।

प्र-12 ठाकुरदास के जीवन में उत्सव का माहौल क्यों छा गया था?
उत्तर— जब ठाकुरदास को माहवार दो पैसे की नौकरी मिली तो उनके जीवन में उत्सव का माहौल छा गया था।

प्र-13 हमें पेड़ों की छाया मिलती रहे इसके लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर— हमें पेड़ों की छाया मिलती रहे इसके लिए हमें पेड़ पौधे लगाना चाहिए।

प्र-14 ‘पढ़ना’ क्रिया का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर— हमें घर पर रोज पढ़ना चाहिए।

प्र-15 कः श्वेत: न भवति?
उत्तर— काकः श्वेत: न भवति।

प्र-16 कः पाषाणखण्डेन स्व शरीरं धर्षयति?
उत्तर— काकः पाषाणखण्डेन स्व शरीरं धर्षयति।

लघुउत्तरीय प्रश्न- (प्रश्न क्र. 17-22)
निर्देश— प्रश्नों के उत्तर 40 से 50 शब्दों में लिखिये। प्रत्येक प्रश्न के लिये 3 अंक निर्धारित हैं।
प्र-17 समाचार पत्र के कोई तीन महत्व लिखिए।
उत्तर— (1) प्रति दिवस नवीन जानकारी प्राप्त होती है।
(2) ज्ञानवर्धक बातें जानने को मिलती हैं।
(3) पठन (पढ़ने) क्षमता का विकास होता है।

प्र-18 पुष्प अपनी अभिलाषा वनमाली से ही क्यों व्यक्त कर रहा है?
उत्तर— पुष्प अपनी अभिलाषा वनमाली से ही इसलिए अभिव्यक्त कर रहा है क्योंकि वनमाली ही फूलों को तोड़कर लोगों को देते या विक्रय कर देते हैं। फिर लोग अलग-अलग कार्यों में फूलों प्रयोग करते हैं। फूल सोचता है कि माली मुझे तोड़कर मातृभूमि की रक्षा करने वाले वीरों के मार्ग में फेंक देगा।

प्र-19 घड़े भर बुद्धि की माँग को बीरबल ने कैसे पूरा किया?
उत्तर— घड़े भर बुद्धि की मांग को बीरबल ने पूरा करने के लिए अपने सेवक के साथ लेकर कद्दू की बेल में फूलों पर मटकों (घड़ो) को उल्टा लटका दिया। फिर कुछ दिनों तक अपने सेवक को घड़ों की देखभाल करने के लिए रख दिया। कुछ दिन बाद फूल से फल बड़े होकर घड़े भर समा गए। इस तरह से बीरबल ने घड़े भर बुद्धि की मांग का प्रबंध किया।

प्र-20 पुष्प की अभिलाषा वीरों के पथ पर ही डाले जाने की क्यों है?
उत्तर— पुष्प में देश देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। वह उन वीरों के पैरों के नीचे आकर उन्हें सुख पहुंचाना चाहता है जो अपनी मातृभूमि की रक्षा करने हेतु अपने प्राण न्यौछावर करने हेतु गुजरते हैं। इस तरह वीरों के पैरों को थोड़ा सा सुख देकर वह अपने-आप को धन्य भाग्य समझना चाहता है।

प्र-21 निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिए—
उजाला, सत्य, यश
उत्तर— उजाला — अंधेरा
सत्य — असत्य
यश — अपयश

प्र-22 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए—
सुयश अपनी माँ की आँखों का तारा है। माँ उसे देखकर फूली नहीं समाती है। सामान्य ज्ञान में तो वह अच्छों-अच्छों के कान काटता है। किसी प्रश्नमंच प्रतियोगिता में सुयश के सामने उसके सहपाठी सुरेश, अकरम, विशाल और माधुरी के तो पैर भी नहीं टिकते हैं। सुयश अपने शिक्षकों का भी प्रिय है।

(1) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर— सुयश की श्रेष्ठता।
(2) ‘सुयश’ किस विषय में होशियार था?
उत्तर— ‘सुयश’ सामान्य ज्ञान विषय में होशियार था।
(3) ‘आँख का तारा’ मुहावरे का अर्थ लिखिए?
उत्तर— बहुत अधिक प्रिय होना।

दीर्घउत्तरीय प्रश्न- (प्रश्न क्र. 23-26)
निर्देश— प्रश्नों के उत्तर 75 से 100 शब्दों में लिखिये। प्रत्येक प्रश्न के लिये 5 अंक निर्धारित हैं।
प्र-23 ‘बुद्धि का फल’ कहानी का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर— ‘बुद्धि का फल’ कहानी का सार— ‘बुद्धि का फल’ कहानी सम्राट अकबर के चतुर मंत्री बीरबल की चतुराई को अव्यक्त करने वाली है। इस कहानी में जब लंका के राजा का दूत बुद्धि के फल की मांग करता है तब अकबर अपने चतुर मंत्री बीरबल को याद करता है और उसे घड़े भर बुद्धि तैयार करने के लिए कहता है। बीरबल अपनी चतुराई से अपने सेवक की सहायता से कद्दू के फलों को मटके में डालकर कुछ दिन इंतजार करने के पश्चात जब कद्दू के फल घड़े में समा जाते हैं। तब अकबर के दरबार में लंका के राजा के दूत के समक्ष घड़ों को पेश करता है। इसमें बीरबल यह शर्त रखता है कि यह बुद्धि का फल तभी काम करता है जब बिना घड़ा टूटे इस फल को बाहर निकाल कर प्रयोग किया जाये। इस तरह लंका का दूत शर्म से पानी पानी हो जाता है और सम्राट अकबर को अपने चतुर मंत्री पर काफी गर्व होता है।

प्र-24 निम्नलिखित पक्तियों का सरल अर्थ अपने शब्दों में लिखिए।
“पथिकों को जलती दुपहर में, पेड़ सदा देते हैं छाया।
खुश्बू भरे पेड़ देते हैं हमको नए फूलों की माया।”
उत्तर— दी गई पंक्तियों पाठ 4 ‘हम भी सीखें’ से ली गई हैं। इन पंक्तियों में पेड़ों की निस्वार्थ सेवा को अभिव्यक्त करते हुए कवि ने कहा है कि पेड़ दोपहर में तपती हुई गर्मी में राहगीरों को शीतल छाया प्रदान करते हैं। इसी तरह ये पेड़ खुशबूदार वृक्ष सभी को मीठे फल प्रदान करते हैं।

प्र-25 निम्नलिखित किसी एक विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
स्वच्छता का महत्व, अवकाश के दिनों में भ्रमण
उत्तर— स्वच्छता का महत्व
जीवन तो सभी जीते हैं किंतु जीवन जीने की कला कुछेक लोगों को ही आती है। जीवन को निरोगी और कलात्मक ढंग से जीना हो तो आवश्यक है हम अपनी अपने घर, पास पड़ोस एवं पर्यावरण की स्वच्छता का ध्यान रखें। स्वच्छता से परिवेश मनोहर, सुंदर तो लगता ही है हमें शुद्ध वायु भी प्राप्त करने में सहायता मिलती है। यदि स्वच्छता का ध्यान न रखा जाए तो गंदगी अपना डेरा जमा लेती है और व्यक्ति कई तरह के रोगों से पीड़ित हो जाते हैं। महात्मा गाॅंधी जी ने स्वच्छता का महत्व समझा था। वर्तमान में हमारे प्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी स्वच्छता के महत्व को समझते हुए स्वच्छता की मुहिम चला रहे हैं। हम सभी को इस मुहिम में हिस्सेदार होना चाहिए। हर व्यक्ति को साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए जिस स्थान पर स्वच्छता होती है हम बहुत देर तक वहां ठहरते हैं किंतु जहां गंदगी होती है वहां हम बिल्कुल भी नहीं ठहरते हैं। स्वच्छता हर व्यक्ति को एक अच्छी जीवन शैली प्रदान करता है अतः इसे सभी को अपनाना चाहिए।

अथवा
अवकाश के दिनों में भ्रमण अवकाश हम सभी को बहुत अच्छे लगते हैं। जब व्यक्ति लगातार किसी एक ही काम को करते रहता है तो निश्चित ही उसे बोरियत होने लगती है। बीच में जब कोई अवकाश मिलता है तो हमें काफी उत्सुकता होती है। हमें अवकाश के समय का सदुपयोग करना चाहिए। देखने में आता है बहुत सारे लोग अपने अवकाश के दिनों को भ्रमण के रूप में प्रयोग करते हैं। और यह बहुत ही अच्छी बात है। भ्रमण करने से नए-नए स्थलों को देखने के अवसर तो प्राप्त होते ही हैं साथ ही उनसे संबंधित ज्ञान भी प्राप्त होता है। विद्यार्थियों को अवकाश का प्रयोग बेफिजूल, निर्उद्देश्य घूमने हेतु प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे स्थलों पर अवकाश के दिनों में जाना चाहिए जो ज्ञान प्राप्त हो जैसे ऐतिहासिक स्थल, प्राकृतिक स्थल। इनसे हमें कुछ सीखने को मिल सकता है।

प्र-26 आपको जो शिक्षक अच्छे लगते हों उनकी 5 अच्छाइयाँ लिखिए।
उत्तर— हमें हमारे टेमरे सर बहुत अच्छे लगते हैं उनकी निम्न अच्छाइयां देखने को मिलती हैं।
1. वे प्रति दिवस अपने कालखंड में हमें पढ़ाते हैं।
2. पढ़ाते समय बीच-बीच में बहुत सारी प्रेरणादायक बातें बताते हैं।
3. वे जरूरतमंद विद्यार्थियों की सहायता करते हैं।
4. हमारे शिक्षक अपनी राह से भटके विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करते हैं।
5. वे सभी विद्यार्थियों को बहुत प्रेंम करते हैं।

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