प्रदेश के कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मिडिल एवं प्राइमरी स्कूल बंद किए जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर सकती है। फिलहाल सरकार ने 50 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खोलने के आदेश को यथावत रखा है। पूर्व में जारी गाइड लाइन के मुताबिक अब 50 फीसदी क्षमता के साथ क्लासेस लगाना है। अगर किसी कक्षा में 40 स्टूडेंट हैं तो 1 दिन 20 और दूसरे दिन 20 बच्चों को स्कूल बुलाया जाना है। लेकिन कक्षा एक से पांचवीं तक के मासूम बच्चों के लिए स्कूल भेजना कितना खतरनाक हो सकता है यह अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक मास्क और दो गज की दूरी जरूरी है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चे इतने समझदार नहीं होते हैं कि वे दो गज की दूरी को समझ सकें और न ही मास्क को पूरे समय स्कूल में पहनकर रख सकते हैं। वैक्सीन अभी दुनिया के किसी देश में 4] साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं लगाई जा रही है, न ही इसके लिए लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू हुई है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार स्कूलों को पल््स ऑकक््सीमीटर का इंतजाम करना जरूरी है, जबकि राजधानी के एक्का-दुक््का स्कूलों को छोड़ किसी भी स्कूल में ऑक्सीमीटर नहीं है। सरकारी स्कूलों की स्थिति तो और भी खराब है। कुछ स्कूलों में एक या दो कमरे ही है और कमरों की साइज भी इतनी छोटी है कि वहां 50 प्रतिशत छात्र संख्या के बाबजूद दो गज की दूरी का पालन करना संभव नहीं है।