कोर्स – 9  : बुनियादी संख्यात्मकता

कोर्स – 9 

बुनियादी संख्यात्मकता

परिचय –

यह कोर्स प्रारंभिक बाल्यावस्था की शिक्षा और देखभाल केंद्रों जैसे – आंगनवाड़ी, नर्सरी, स्कूल में संख्यात्मकता की समझ  के निर्माण में शिक्षकों की मदद करेगा।

उद्द्देश्य  –

इस कोर्स से हम जानेंगे-

  • बच्चों के बीच मूलभूत गणित और संख्यात्मकता की आवश्यकता से परिचित होना।
  • संख्यात्मकता से जुड़ी शब्दावली और कुशल की व्याख्या कर पाएंगे।
  • गणित व संख्यात्मक ताकि मजबूत नींव रखने में कक्षा के बाहर व अंदर उचित सहयोग करना
  • मूल्यांकन उपकरणों का उपयोग सीखने की बेहतरता  व कमियों को जानने में करना।

कोर्स की रूपरेखा –

  • गणित व संख्यात्मकता से जुड़े कौशल जैसे-वर्गीकरण, क्रम, एक संग एक संगतता, स्थानीय समाज आदि।
  • बुनियादी गणितीय कौशल की जरूरत।
  • मूलभूत गणित बाद संख्यात्मकता का आकलन, पहलू, घटक।

बुनियादी संख्यात्मकता : एक परिचय –

इस कोर्स में हम बुनियादी संख्यात्मक ज्ञान क्या है? अर्थ क्या है? इसे कैसे करते हैं? यह सब जानेंगे। बच्चों की रोजाना की एक्टिविटी के साथ कैसे एकीकृत करके देखा जाए? बच्चे का आकलन कैसे किया जाए?

संख्यात्मकता की अवधारणा –

जब हम किसी वस्तु की गिनती करते हैं तो गिनने के साथ-साथ हम उन वस्तुओं का वर्गीकरण भी कर रहे हैं जैसे कि एक समूह से वस्तु को उठा रहे हैं और एक समूह में गिन कर रख रहे हैं उन राम कभी-कभी अगर बच्चा गिनती को 1, 2, 4, 6 बोल रहा है तो उसे संख्या का सही ज्ञान या क्रम पता नहीं होता यह भी हमें पता चलता है। अगर हम किसी बच्चों को 2 कहे तो वह शायद दो वस्तु की कल्पना करेगा की दो वस्तु है। या दो समूह है यानी एक संग एक संगतता की समझ बच्चे में है।
अर्थात गिनती के लिए तीन संख्या पूर्व ज्ञान (कौशल) की अवधारणा की जानकारी मिली है, जिसके अभाव में गिनती सिखाना गलत होगा।
(1) वर्गीकरण

(2) क्रमिक रूप

(3) एक संघ एक संगतता।

सर्वप्रथम इन तीन प्रश्नों पर कार्य कराया जाए इसके बाद ही संख्या/ गिनती शुरू करना उचित होगा।
संख्या का ज्ञान और संख्या की समझ यह दोनों अलग-अलग हैं। जैसे कि संख्या 6 यानी 3, 3 का 5, 2 का समूह है संख्या 6, 5  से ज्यादा है।अगर यह बच्चा जानता है तो उसे संख्या की समझ है।

चिंतन करें –

आपकी कक्षा में कोई बच्चा 1 से 20 तक गिनती बोल लेता है तो क्या वह संख्याओं की गिनती कर लेता है।

  • गिनते समय होने वाली गलतियों की सूची बनाएं ।
  • सभी गलतियों के क्या कारण हो सकते हैं।

मूलभूत संख्यात्मक ताकि पहलू व घटक –

बुनियादी संख्यात्मकता के पहलू 
प्रारंभिक अवस्था में गणित सीखने के दौरान एक बच्चे से अपेक्षा की जाती है कि वे गिनती करें अंक प्रणाली समझे 10 प्रणाली का उपयोग करें, जोड़, घटाव, गुणा, भाग करें, स्थान व वस्तुओं की समझ बढ़ाने के लिए संबंध पर शब्दावली सीखे, पैटर्न पहचाने।
मूलभूत संख्यात्मकता के घटक

1. संख्या पूर्व अवधारणा
2 .संख्या n व संक्रियाएं
3. आकार व स्थानिक समझ
4. गणितीय संचार
5. आंकड़ों का प्रबंधन
6. पैटर्न
7. मापन

संख्या और संक्रियाएं –

संख्याएं गिनने और मापने का गणितीय उपकरण हैं जिनका उपयोग तीन प्रकार से किया जाता है – कार्डिनल संख्या, क्रम  सूचक संख्याएं, नाम के रूप में उपयोग की जाने वाली संख्याएं।

संख्या उपयोग उदाहरण
कार्डिनल संख्या वस्तु के समूह के आकार को मापने हेतु व संप्रेषित पिकनिक पर 30 बच्चे गए
 क्रम सूचक संख्या  क्रम बनाने हेतु बाये से 4th नंबर का बच्चा
नाम वाली संख्या समूह में वस्तु की पहचान हेतु ट्रेन संख्या 1834 गई

बुनियादी अंकगणित का उद्देश्य बच्चों में संख्या बोध विकसित करना है इस श्रेणी में आने वाले कौशल यह हैं-
संख्या बोध, प्रतीकों को पढ़ना, लिखना, संख्याओं की तुलना जैसे – छोटा-बड़ा, जोड़-घटाव, गुणा-भाग

इन कौशलों को प्राप्त करने के लिए निम्न दृष्टिकोण का पालन करें-

  • संख्या पढ़ते समय दहाई को टहनी, पेंसिल के उपयोग से बनाए।
  • एक संग एक संगतता का उपयोग कर वस्तु का मिलान के साथ-साथ क्रमबद्धता का ज्ञान देना सम्मिलित होना चाहिए।
  • गिनी जा रही वस्तु को बच्चा इंगित छुए।
  • संख्या पर ध्यान केंद्रित करें जैसे घर का पता, पैकेट में लिखी वस्तु की कीमत।
  • अनुमान लगाने वाले शब्दों का प्रयोग करें जैसे कि-कम ज्यादा लगभग बीच में।
  • वस्तु  देख कर उसकी संख्या का अनुमान लगाएं।
  • गेम्स जिसमें अंको का इस्तेमाल हो खेलें।
  • समूह में संयोजन, विस्थापन, विवरण जैसे काम दे ताकि जोड़, घटाव, गुणा, भाग की अवधारणा बना पाए।
  • संक्रियाओ से संबंधित मनोरंजक खेल कराएं।
  • बच्चों को इन शब्दावली का इस्तेमाल करना सिखाए जैसे एक साथ कितनी बार समान साझा करना आदि।

आकार और स्थानिक समझ –
स्थानिक समाज गणित का वह क्षेत्र है जिसमें आकार, स्थान, स्थिति दिशा व  गति शामिल है।
इसकी मुक्त अवधारणाओं में त्रिविमीय व द्विविमीय आकृतियां शामिल है।
बच्चे इन आकृतियों को अपने परिवेश से बताना शुरू करेंगे फिर बाद में धीरे-धीरे गणितीय शब्दावली में बात करना चालू कर देंगे।

इसके लिए इन तरीकों को करें-

  • बच्चों को ब्लॉक, बक्से, कंटेनर, जोड़-तोड़ वाले खिलौने खेलने को दें।
  • मिट्टी के खिलौने बनाए, आकृति बनवाएं।
  • खुला-बंद, ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, अंदर-बाहर, आगे-पीछे, दूर-पास, सबसे छोटा, सबसे लंबा जैसे शब्दों का उपयोग करवाएं।

मापन –

दैनिक जीवन में काम आने वाली चीजों / वस्तुओं की मात्रा / में जानना बहुत जरूरी होता है जैसे- – लंबाई, दूरी, वजन मात्रा समय धारिता तापमान आदि।

पैटर्न –
पैटर्न हमारे चारों ओर हैं। पैटर्न को संख्याओं, आकृतियों, ध्वनियों, रंगो, वस्तुओं में देखा जा सकता है।
पैटर्न के कई प्रकार है जैसे – ध्वनि पैटर्न, संख्या पैटर्न, रंग पैटर्न, आकृति पैटर्न, समरूपता का पैटर्न।

पैटर्न की समझ बनाने के लिए निम्न चार चरण है-

  • पैटर्न की पहचान करना
  • नियम का वर्णन करना
  • पैटर्न का विस्तार
  • नए पैटर्न बनाना

आंकड़ों का प्रबंधन –
जब हमें किसी विशिष्ट प्रश्न या समस्या का उत्तर देने की जरूरत होती है तब आंकड़े एकत्र किए जाते हैं।

गणितीय संचार –

गणितीय संचार वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्तियों के बीच गणितीय प्रतीकों चिन्नो आर आंखों के माध्यम से सूचनाओं का आदान प्रदान करना होता है इसमें सुनना-पढ़ना (समझना) और बोलन- लिखना (अभिव्यक्ति) दोनों शामिल है।

संख्यात्मक कौशल बढ़ाने के लिए शैक्षणिक प्रक्रियाएं –

पालको व शिक्षकों को बच्चे के परिवेश व अनुभवों के आधार पर यह गतिविधि व सामग्री को तैयार डिजाइन करना होगा कुछ प्रक्रिया निम्न है –

  • बाल केंद्रित शिक्षाशास्त्र
  • अन्वेषण का गणितीय सोच के अवसर देना
  • जोड़-तोड़ / खिलौनों का उपयोग
  • शिक्षा में घरेलू भाषा का उपयोग
  • गणित को अन्य विषयों के साथ जोड़ना
  • दैनिक जीवन में गणित
  • मनोरंजन के साथ गणित
  • आकलन

मूल्यांकन प्रक्रियाएं –

मूल्यांकन भी सीखने की एक प्रक्रिया है आकलन / मूल्यांकन से पता चलता है कि बच्चा अभी किस स्तर में है, अभी क्या और सिखाने की जरूरत है मूल्यांकन भी सतत होना चाहिए मूल्यांकन की कुछ प्रक्रिया निम्न है –

  • बच्चों के प्रत्येक कार्य का अवलोकन करें चाहे वह रंग भरे, खेले, बात करें, लिखे,
  • लर्निंग आउटकम्स (सीखने के प्रतिफल) पर आधारित मूल्यांकन करें
  • प्रश्न बैंक का निर्माण शिक्षक करें तथा साथ ही साथ बच्चों को भी विषय वस्तु से प्रश्न बनाने या पूछने को प्रेरित करें
  • दृश्य श्रव्य (ऑडियो-वीडियो) या इंटरनेट का प्रयोग मूल्यांकन में करें
  • आकलन की गतिविधि कराएं असाइनमेंट या परीक्षण करने को दें
  • रुब्रिक्स आधारित मूल्यांकन करें मूल्यांकन से प्राप्त डाटा को विश्लेषण एवं निष्कर्ष निकालें तथा बच्चों को ग्रेड प्रदान करें
  • मूल्यांकन की चेक लिस्ट तैयार करें

असाइनमेंट –

चार-पांच साल के बच्चों के लिए गणित विषय में पाठ योजना तैयार करें

  • पाठ
  • सीखने का प्रतिफल
  • उद्देश
  • पूर्व ज्ञान
  • अवधारणा विषय
  • T.L.M.
  • कक्षा की बातचीत
  • एकीकृत आकलन
  • योगात्मक आकलन

कोर्स से मैंने सीखा –

कोर्स 9 से मैंने जो कुछ भी सीखा वह कुछ इस प्रकार है –

  • संख्यात्मकता की अवधारणा को जाना की गिनती के लिए तीन संख्या पूर्व ज्ञान (कौशल) होते हैं –
  1. वर्गीकरण
  2. क्रमबध्दता
  3. एक संघ एक संगतता
  • मूलभूत संख्यात्मकता के पहलू व घटक के बारे में जाना संख्यात्मकता से जुड़ी शब्दावली व कौशल के बारे में जाना
  • संख्यात्मक कौशल को बढ़ाने के लिए कुछ शैक्षणिक प्रक्रियाएं जानी
  • मूल्यांकन की भी प्रक्रियाओं से परिचित हुआ

सीख कक्षा में क्रियान्वयन कैसे –

कोर्स  9 से मिली उपरोक्त सीख को मैं कक्षा स्तर में कुछ इस प्रकार क्रियान्वित करूंगा

  • बच्चों को ठोस वस्तुओं दूंगा तथा संख्यात्मक गतिविधि संपन्न करा लूंगा जैसे वर्गीकरण करके गिनना समूह में वस्तुओं को रखना उन्हें क्रम से जमाना तथा एक संघ एक संगतता के अंतर्गत सही जोड़ी बनवाकर संख्या की पक्की पहचान कर आऊंगा।
  • गणित की प्रमुख शब्दावली का भरपूर उपयोग कर आऊंगा बस शब्द भंडार कर आऊंगा
  • दृश्य, श्रव्य, खेल, गतिविधि, प्रश्न बैंक असाइनमेंट, रुब्रिक्स से मूल्यांकन करूंगा

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