शिक्षकों ने कहा यह कैसा ग्रीष्मावकाश
शासन के आदेश पर 1 मई से प्रदेश के शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश दिया गया है। उसके बावजूद जिलों में कलेक्टर अनेक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगा रहे हैं।आरोप है कि अगर प्रशासन के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो तत्काल कार्रवाई का डंडा भी घुमाया जा रहा है। शासकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश दुबे का कहना है कि शिक्षकों के साथ यह बड़ा अन्याय है।
शिक्षकों की भी अनेक पारिवारिक और सामाजिक दायित्व है प्रोग्राम ग्रीष्मावकाश के पहले ही अनेक शिक्षकों ने अपने निजी कार्यों की प्लानिंग तैयार की थी। इसके बाद भी आए दिन उनकी ड्यूटी एक नए कार्य में लगाई जा रही है पूर्व राम संगठन ने शिक्षकों से ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शासकीय कार्य कराए जाने पर आपत्ति जताई है। इन्होंने अर्जित अवकाश की पात्रता प्रदान करने एवं ड्यूटी आदेश सक्षम अधिकारी के माध्यम सेजारी करने की मांग की है।
कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकारी दूरभाष पर सूचित कर शिक्षकों की ड्यूटी ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान लगा रहे हैं। इस दौरान विभिन्न प्रशिक्षण करते हैं उन विराम जिसके कारण ग्रीष्म काल का अवकाश मात्र दिखावा है। ग्रीष्मावकाश होने के बाद भी जिलों में कलेक्टर शिक्षकों से ताबड़तोड़ में कार्य करा रहे हैं।कौशल के मुताबिक या तो ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त कर दिये जाए अथवा 1 माह तक शिक्षकों को पूर्ण रूप से ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रदान किया जाए।