मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक हटा ली गई है। इसके तहत अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक तबादले हो सकेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इसकी मंजूरी दे दी। राज्य सरकार अब अलग से तबादला नीति जारी करेगी। अभी कैबिनेट में सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इसके तहत पूरी नियमावली अलग से जारी की जाएगी।
लंबे समय से हो रहा था इंतजार: कोराना काल के कारण 2020 में तबादले नहीं हो सके थे। इसके बाद 2021 के जुलाई-अगस्त में तबादलों पर रोक हटी थी, लेकिन बाढ़ के हालातों के बाद वापस फिर रोक लगा दी गई। इसके बाद इस साल जुलाई 2022 में रोक हटना इस लिकिन एक सिते बाट सकी। सितंबर रोक हटाई जा रही है।
मंत्रियों की रही है मांगः तबादलों पर लगी रोक हटाने के लिए मंत्री लंबे समय से मांग कर रहे थे। खास तौर पर बड़े विभाग इससे अधिक प्रभावित रहते है। इसमें स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग, फूल, ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, महिला बाल विकास, कृषि, लोक निर्माण आदि विभाग शामिल हैं।
राज्य में तबादलों पर रोक हटने के साथ ही कर्मचारी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रति अध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा है कि स्थानांतरण नीति में कर्मचारियों एवं अधिकारियों की स्थानांतरण करते समय सहमति लेने का प्रावधान नहीं है। सरकार को चाहिए कि तबादला करने से पहले कर्मचारियों से सहमति भी ली जाए। इसके साथही प्रदेश के स्थायी कर्मचारियों को भी स्थानांतरण सुविधा का लाभ मिले। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को मांग। उनका तर्क भी सौंपा है। है कि बिना सहमति तबादला होने से कर्मचारियों को अनावश्यक परेशानी का सामना अनावर करना पड़ता है। बेहतर यही होगा कि सहमति से तबादले हो। हालांकि तबादलों पर से रोक हटने का उन्होंने स्वागत किया है।
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