शिक्षकों के लिए अंकुर अभ्यास पुस्तिका के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको अंकुर अभ्यास पुस्तिका से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर कर रहे हैं। यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है इसलिए ध्यान से पढिए। यह जानकारी हमारे एजूकेशन पाइंट के माध्यम से दी जा रही है।

1. अंकुर अभ्यास पुस्तिका पर  साल भर कार्य करवाना है। इसलिए उसे शाला में सुरक्षित रखना अनिवार्य है।
2. अंकुर अभ्यास पुस्तिका में आकलन प्रपत्र दिए है ।

3. प्रत्येक बच्चें के पास वर्कबुक पर कार्य करने के लिए अंकुर अभ्यास पुस्तिका, पेंसिल, रबर, कटर, क्रियोन्स, स्केच पेन आदि होना अनिवार्य है।

4. वर्क बुक और शिक्षक संदर्शिका में दिए गए निर्देश अनुसार ही कार्य करना है।

5. यदि कोई छात्र एक दिन अनुपस्थित है और अगले दिन उपस्थित हो जाता है तो आप जिस दिवस को पढ़ा रहे है उसी पर कार्य करवाना है जो कार्य बच्चे का छूट गया है, उसे अतरिक्त समय में करवाना है।

6. बच्चों से वर्कबुक भरवाना उद्देश्य नहीं है अपितु सभी बच्चें अधिगम प्रतिफल प्राप्त कर सके यह प्रमुख उद्देश्य है।

7. छंटवें सप्ताह से कक्षा 2 के बच्चों को अंकुर अभ्यास कार्य पुस्तक दी गई कहानी सुनना है और कक्षा 1 के बच्चों को हमारी कहानी सुनना है।

8. हिन्दी में प्रतिदिन वर्कबुक पर कार्य करना है जबकि गणित में शिक्षक संदर्शिका के अनुसार कार्य करना है।

9. प्रत्येक बच्चें की वर्कबुक पर नाम, माता पिता के नाम, कक्षा और विद्यालय का नाम लिखा होना चाहिए।

10. जिस कार्य दिवस को शिक्षक पढ़ा रहे है केवल उसी पर बच्चें कार्य करें।

11. प्रत्येक बच्चें की वर्क बुक शाला ही में रखना है।

12. बच्चों से वर्कबुक पर पेन से कार्य नहीं करवाना है क्योंकि यदि बच्चे ने गलती से एक ज्यादा दिन पर कार्य कर दिया है तो रबर से मिटा कर दुबारा कार्य कराया जा सकता है

13. बिंदुओं को पेंसिल से मिलाने के बाद ही रंग भरने दे।

 

 

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