अब पात्रता परीक्षा की वैधता रहेगी आजीवन
मध्यप्रदेश राजपत्र , दिनांक 01 दिसम्बर 2022 में किये गए संशोधन अनुसार
प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार ने नए नियम लागू कर दिए हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा को पात्रता परीक्षा कहा जायेगा । पात्रता परीक्षा की वैधता आजीवन रहेगी। यानी एक बार कोई उम्मीदवार यदि पात्रता परीक्षा पास कर लेता है तो उसे दूसरी बार स्कूल शिक्षा के पदों के लिए पात्रता परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति के हेतु विषयमान से चयन परीक्षा का आयोजन किया जायेगा । इस चयन परीक्षा में शिक्षक पात्रता परीक्षा अर्हता अर्जित करने वाले अभ्यर्थी ही भाग ले सकेगे । नियुक्ति के लिए चयन परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य रहेगा। उच्च से निचले स्तर तक के पदों में सीधी भर्ती और प्रमोशन से भरने का बंटवारा कर दिया गया है।. सरकार ने नए नियम लागू करने राज्य स्कूल शिक्षा सेवा शैक्षणिक सवर्ग सेवा शर्ते व भर्ती नियम 2018 में बदलाव किया है। भर्ती अभियान के तहत अन्य विभागों की तरह स्कूल शिक्षा में भी भर्ती शुरू की गई है। इस कारण अब बेस-नियमों को संशोधित करके जारी किया गया है। यही नियम आगे भी भर्ती का आधार होंगे। उधर, हाईस्कूल प्राचार्य, उपप्राचार्य, माध्यमिक-प्राथमिक शाला के प्रधानाध्यापकों के पदों की भर्ती नहीं निकलेगी। ये पद सौ फीसदी प्रमोशन से ही भरे जाएंगे।.
वेतनमान – वरिष्ठता
स्कूल शिक्षा में अब यदि कोई शिक्षक अपने पद से उच्च स्तर के पद पर पदस्थ होकर काम करता है। तो वह उस उच्च स्तर के सभी अधिकारों का उपयोग करेगा। सिर्फ उस उच्च स्तर के पद की वरिष्ठता और वेतनमान का उसे अधिकार नहीं होगा। मसलन, व्याख्याता स्तर का व्यक्ति यदि प्राचार्य पद पर बिना प्रमोशन पदस्थ होकर काम करता है। तो वह प्राचार्य पद के संपूर्ण अधिकार उपयोग करेगा। महज वेतनमान व वरिष्ठता उसे नहीं मिलेगी।
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