5वीं और 8वीं की परीक्षा मार्च में कराने की तैयारी

5वीं और 8वीं की परीक्षा : 40 लाख + विद्यार्थी होंगे शामिल

अपने स्कूल में नहीं दे पाएंगे इम्तिहान

इस बार पांचवीं एवं आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होनी है। इसमें सरकारी और शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के 40 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल होंगे। परीक्षा के लिए 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तरह परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। इस कारण सरकारी स्कूल के विद्यार्थी भी अपने स्कूल में परीक्षा नहीं दे सकेंगे। परीक्षा के दौरान इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि निजी स्कूल के विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र सरकारी स्कूल में ही बनाया जाए।

इसके लिए जल्द ही परीक्षा फॉर्म भरवाए जाएंगे। शुल्क के तौर पर निजी स्कूलों को पांचवीं के लिए 50 रुपए प्रति छात्र एवं आठवीं के लिए 100 रुपए प्रति छात्र जमा करना होगा। विभाग ने आदेश में विद्यार्थियों से परीक्षा शुल्क न लेने की बात कही है। यह शुल्क स्कूलों को अपने स्तर पर देना होगा।

14 साल बाद बोर्ड पैटर्न पर

प्रदेश में पांचवीं-आठवीं के विद्यार्थियों की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर 2007-08 में बंद कर दी गई थी। निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद वार्षिक मूल्यांकन किया जाने लगा। आरटीई के तहत किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकता था। इससे कमजोर छात्र भी पास होने लगे थे। केंद्र की अनुमति मिलने के बाद शासन ने 2019 में आरटीई में संशोधन किया। इसके बाद पिछले वर्ष सिर्फ सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर हुई थी।

गत वर्ष परीक्षा में शामिल

पांचवीं       8,26,824

परिणाम     90.01 प्रतिशत

आठवीं      7,56,967

परिणाम    82.35 प्रतिशत

परीक्षा मार्च में कराने की तैयारी

राज्य शिक्षा केंद्र के जनसंपर्क अधिकारी अभिताभ अनुरागी के अनुसार परीक्षा मार्च में आयोजित की जा सकती है। मूल्यांकन भी दूसरे स्कूलों में किया जाएगा। परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए उड़नदस्ता टीम भी रहेगी।

सरकारी स्कूल- करीब 80 हजार

निजी स्कूल- करीब 40 हजार

विद्यार्थी- 40 लाख से ज्यादा

पांचवीं का परीक्षा शुल्क- 50

आठवीं का परीक्षा शुल्क- 100

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *