बारहवीं की बोर्ड परीक्षा अब दो टर्म में होगी

फ्रेमवर्क ड्राफ्ट यानी हर छह महीने में 4 बोर्ड परीक्षा देंगे बच्चे!

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क का जो ड्राफ्ट जारी किया है। इसमें 12वीं की बोर्ड परीक्षा को दो टर्म में लेने का प्रस्ताव तो दिया गया है, लेकिन इसका यह भी आशय है कि प्रोफेशनल कोर्सेस की तरह अब 11वीं और 12वीं में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू हो जाएगा। सेमेस्टर के हिसाब से ही पाठ्यक्रम तैयार होगा। इसके अलावा 12वीं के रिजल्ट में 11 वीं क्लास के अंक भी जुड़ेंगे। आसान भाषा में समझने के लिए कह सकते हैं। कि अब 10वीं पास करने के बाद बच्चों को हर 6 महीने में 4 बोर्ड परीक्षाओं को पास करना होगा। हालांकि 9वीं और दसवीं में परीक्षाओं का पुराना पैटर्न ही लागू रहेगा।

10वीं-12वीं के नतीजों में पिछली कक्षाओं के अंक जोड़ने की सिफारिश भी की गई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार इस फेमवर्क में साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के विभाजन को भी खत्म करने का प्रस्ताव है। उल्लेखनीय है कि कोरोना की पिछली लहर के दौरान बोर्ड परीक्षा दो हिस्सों में ली गई थी, अब उसी व्यवस्था को स्थायी बनाया जाएगा। नया फ्रेमवर्क सत्र 2024-25 से लागू हो सकता है। बोर्ड परीक्षाओं के स्वरूप में बदलाव का भी यह पहला प्रयास नहीं है। इससे पहले 2009 में 10वीं के लिए सतत एवं समग्र मूल्यांकन पद्धति लागू की गई थी, लेकिन 2017 में उसे वापस ले लिया गया।

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