विधानसभा निर्वाचन 2023
आज हम आपको अपने ब्लॉग educationpointe.com के माध्यम से बताएँगे की पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारियों के दायित्वों के बारे में।
पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारियों के दायित्व 5 प्रकार से होते है-
1. नियुक्ति पर
2. मतदान सामग्री प्राप्त करते समय
3. मतदान दिवस के एक दिन पूर्व मतदान केन्द्र पर
4. मतदान के दौरान मतदान दिवस पर
5. मतदान समाप्ति पर
आज हम देखेंगे की नियुक्ति पर पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारियों के क्या-क्या दायित्व होते है-
नियुक्ति पर पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारियों के दायित्व-
1. पीठासीन अधिकारी की पुस्तिका, ईव्हीएम वीवीपेट मैनुअल, आयोग द्वारा दिये नवीनतम संशोधन, दिशा निर्देश को जानना, समझना, पढना और कार्य संपादन करना।
2. प्रशिक्षण सत्रों में अपने सक्रिय प्रतिभागिता, शंकाओं का समाधान एवं ईव्हीएम तथा वीवीपेट के संचालन में निपुर्णता प्राप्त करना।
3. पोस्टलबेलेट के लिये प्ररूप 12 में नियुक्ति आदेश / इपिक / नियोक्ता द्वारा जारी परिचय पत्र के साथ आवेदन करना।
4. मतदान दल के सदस्यों को पोस्टल बेलेट से प्ररूप 13घ में दिये गये निर्देशानुसार मतांकन कर सुविधा केन्द्र में मतांकन करना है।
5. निर्वाचन कर्त्तव्य प्रमाण पत्र (EDC) हेतु निर्धारित प्ररूप 12क में नियुक्ति आदेश / इपिक की छायाप्रति के साथ आवेदन करना होता है।
6. निर्वाचन कर्त्तव्य प्रमाण पत्र (EDC) रिर्टनिंग अधिकारी द्वारा केवल 7/151 उन्ही कर्मचारियों सामान्यतः महिला कर्मचारियों को जारी किया जाता है. जिनकी निर्वाचन डयूटी उसी विधानसभा क्षेत्र में लगायी जाने की सम्भावना हो । आवेदन करने के पश्चात् प्ररूप 12ख में कर्त्तव्य निर्वाचन प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। एक बार डाक मतपत्र या कर्त्तव्य निर्वाचन प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया हो तो आप इसी से वोट करेगे भले ही आप किसी कारण से चुनाव डयूटी पर न हो।