पुरानी पेंशन योजना : 1 लाख अध्यापक जुटेंगे जंबूरी में, सीएम को बुलाएँगे  

पुरानी पेंशन योजना को शुरू कराने के लिए अध्यापकों का संघर्ष

भोपाल( आरएनएन)। प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को अविलंब बहाल करवाने के लिए लोक सेवकों द्वारा लगातार सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है। आजाद अध्यापक शिक्षक संघ द्वारा इसी मांग को लेकर 25 दिसंबर को भोपला के जंबूरी मैदान में जमावड़ा किय जा रहा है। इसमें करीब एक लाख अध्यापकों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें सीएम को आमंत्रित करने की तैयारी चल रही है।शिक्षक संवर्ग में शामिल हो चुके अध्यापकों का वर्ग अब पूरा फोकस पुरानी पेशन बहाली को लेकर कर रहा है।

आजाद अध्यापक शिक्षक संध के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल का कहना है कि हाल के कुछ बर्षों जो अध्यापक रिटायर्ड हुए हैं। उन्हें मात्र 500 रुपए पेंशन मिल रही है। जबकि सेवाकाल में इनका वेतन 40 से लेकर 50 हजार रहा है। अब ऐसे अध्यापकों के परिवारों में चार से लेकर पांच सदस्य हैं। अब सेवा निवृत्ति के बाद इतनी पेंशन राशि में कैसे परिवार को गुजारा चल सकता है। जबकि पुराने शिक्षक संवर्ग के जो लोग रिटायर्ड हो रहे हैं। उन्हें 40 हजार रुपए मासिक पेंशन राशि का भुगतान होता है। यह सबसे बढ़ी बिसंगति है। पटेल के अनुसार सरकार को रिटायरमेंट के बाद सम्मानजनक राशि देनी होगी, ताकि ऐसे परिवार रोजी रोटी जुटा सकें। इसके अलावा जो अध्यापक साथी दिवंगत हो गए हैं। उनके पात्र परिवारों के अमनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

सरकार को इस विषय में भी सोचना होगा। कई पुरूष अध्यापक हैं, जो दो से तीन साल पूर्व दिवंगत हुए। उनके परिवारों के पात्र आश्रित लगातार विभाग के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सनाई नहीं हो रही है। इस कारण भोपाल के जंबूरी मैदान में कार इंचकर सरकार को इन दोनों ही समस्याओं को बताने की तैयारी की जा रही है। भरत पटेल का कहना है कि इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी आमंत्रित किया जा रहा है। मुखिया से आग्रह किया जाएगा कि वह इन समस्याओं का समाधान करें। संगठन के भोपाल जिलाध्यक्ष मनीष शर्मा का कहना है कि कार्यक्रम की लगातार तैयारियां चल रहीं हैं। इधर जानकारी यह भी है कि विधानसभा सत्र के दौरान अध्यापकों के होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की खुफिया एजेंसियां भी चौकन्नी हो गई हैं। कारण है कि अध्यापकों ने पहले से ही ऐलान कर दिया है कि संख्या एक लाख से कम नहीं होगी। इस कारण शासन प्रशासन को इनके मूवमेंट के संबंध में पल-पल की जानकारी दी जा रही है।

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